फरीदाबाद जिले के बीके सिविल अस्पताल में एक मासूम बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और नर्स की लापरवाही के चलते 6 महीने के नमन की जान चली गई। घटना के बाद अस्पताल में काफी देर तक परिजन बच्चे का शव लेकर खड़े रहे और न्याय की मांग करते रहे। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों को दूध न देने की सलाह दी गई थी। एक घंटे तक डॉक्टर ने नहीं ली सुध जानकारी के अनुसार मासूम नमन सैनिक कॉलोनी फरीदाबाद का रहने वाला था। उसके पिता प्रमोद मूल रूप से मध्य प्रदेश के हैं और यहां परिवार के साथ रहते हैं। प्रमोद ने बताया कि मंगलवार दोपहर उनके बेटे को पेट में दर्द हो रहा था, जिस कारण वो उसे लेकर बीके अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों का कहना है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी करीब एक घंटे तक बच्चे को डॉक्टर नहीं देखा गया। बाद में उसे इंजेक्शन और ग्लूकोज लगाया गया। वापिस आने की बात बोलकर नहीं लौटी नर्स बुधवार सुबह भी बच्चे को फिर से इंजेक्शन और ग्लूकोज दिया गया। इसके बाद नर्स ने कहा कि अगर बच्चा दूध नहीं पीया हो, तो पिला दो। परिजनों ने बच्चा रोने की बात बताई और नर्स को बुलाया, लेकिन नर्स ने सिर्फ इतना कहा कि मैं आ रही हूं और फिर नहीं आई। इतने में पिता पानी लेने बाहर गया और जब लौटकर आया, तो बच्चा दम तोड़ चुका था। बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच की मांग की है। बच्चे को सांस लेने में थी परेशानी-एसएमओ वहीं मामले पर अस्पताल एसएमओ डॉ. विकास गोयल का कहना है कि बच्चे को पेट दर्द के साथ दौरे पड़ रहे थे और सांस लेने में भी परेशानी थी। उसे इंजेक्शन दिया गया था और शुरुआत में दूध न देने की सलाह दी गई थी। बाद में कहा गया कि बच्चा रो रहा है तो दूध पिला सकते हो, लेकिन आशंका है कि दूध सांस की नली में चला गया। जिससे उसकी मौत हो गई। डॉ. गोयल ने बताया कि अभी तक परिवार की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है, तो जांच जरूर की जाएगी।
फरीदाबाद में 6 माह के बच्चे की मौत:पेट दर्द के बाद सांस की नली में अटका दूध, परिजनों ने डॉक्टर पर जड़ा आरोप
8