Gujarat: वडोदरा का युवक थाईलैंड में बंधक? 5 महीनों से माता-पिता से नहीं हुआ संपर्क, पुलिस की जांच शुरू

by Carbonmedia
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वडोदरा के एक दंपति ने दावा किया है कि उनका 28 साल का बेटा पिछले 5 महीनों से थाईलैंड में बंधक बनाकर रखा गया है. इस सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. परिवार का कहना है कि युवक को कुछ एजेंटों ने विदेश भेजा था और वहीं से उसकी परेशानी की शुरुआत हुई.
शहर के सामा इलाके में रहने वाले नगरभाई रानपरा और उनकी पत्नी रीता ने बताया कि उनका बेटा तुषार पिछले पांच महीनों से घरवालों से किसी भी तरह का संपर्क नहीं कर रहा है.
माता-पिता का आरोप है कि तुषार को कुछ एजेंटों ने थाईलैंड भेजा था और अब वही लोग उसे बंधक बनाकर उसकी मर्जी के खिलाफ काम करवा रहे हैं.
पहले दुबई, फिर थाईलैंड
तुषार पिछले साल अप्रैल में दो स्थानीय इमीग्रेशन एजेंटों की मदद से दुबई गया था. वहां उसने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू की. परिवार का कहना है कि इसके बाद दुबई में ही रहने वाले एजेंट अभिषेक कुमार ने उसे सितंबर 2024 में थाईलैंड भेजा.
शुरुआत में तुषार अपने घरवालों से वीडियो और वॉइस कॉल के जरिए लगातार संपर्क में रहता था, लेकिन करीब 5 महीने पहले अचानक उसकी कॉल आनी बंद हो गईं.
पुलिस ने अपराध शाखा को सौंपी जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए तुषार के माता-पिता ने दो दिन पहले वडोदरा के सामा पुलिस स्टेशन में आवेदन दिया. आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच वडोदरा शहर की अपराध शाखा को सौंप दी.
सहायक पुलिस आयुक्त (‘जी’ डिवीजन) जी.बी. बंभानिया ने बताया कि अपराध शाखा को तुषार का पता लगाने और उससे जल्द संपर्क करने का जिम्मा सौंपा गया है.
तुषार के पिता नगरभाई रानपरा ने कहा, “हमारा बेटा जब थाईलैंड पहुंचा था तो लगातार वीडियो कॉल करता था. लेकिन पिछले पांच महीनों से उसकी कोई खबर नहीं है. हमें संदेह है कि जिन एजेंटों ने उसे भेजा था, उन्होंने उसका फोन छीन लिया और उसे बंधक बना लिया. हम गुजरात सरकार और केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि हमारे बेटे को ढूंढकर सुरक्षित घर वापस लाया जाए.”
विदेश भेजने वाले एजेंटों पर शक
परिवार ने जिन एजेंटों पर आरोप लगाया है, उनकी भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है. माना जा रहा है कि तुषार जैसे कई युवक नौकरी के लालच में विदेश जाते हैं और फिर मुसीबत में फंस जाते हैं. कई बार ऐसे मामलों में युवाओं को गलत कामों में धकेल दिया जाता है या उनकी जबरन मजदूरी करवाई जाती है.

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