सोनीपत जिले में सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके कल्याण को लेकर डीसी डॉ. मनोज कुमार ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने सीवर व सेफ्टी टैंक से संबंधित मृत्यु के आंकड़ों को नमस्ते ऐप पर अपडेट करने के निर्देश दिए। साथ ही सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मशीनों के प्रयोग पर विशेष जोर दिया। बैठक में डीसी मनोज कुमार ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “जब तक हम सफाई कर्मचारियों के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक अपने शहरों को स्मार्ट और स्वच्छ नहीं बना सकते।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन से अपने कार्यकाल की शुरुआत कर सफाई कर्मचारियों के प्रति सम्मान का संदेश दिया था। मीटिंग में बताया कि एमएस एक्ट 2013 के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सीवरेज या सेफ्टी टैंक की सफाई के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अब 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। गंभीर चोट से दिव्यांग होने पर 20 लाख रुपए तथा अन्य चोटों के लिए 10 लाख रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। डीसी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सफाई कर्मचारियों की वर्ष में दो बार स्वास्थ्य जांच कराई जाए और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। खेतों में ट्यूबवेल के बंद कुओं में काम करते समय सेफ्टी किट का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। बिना सेफ्टी किट के सफाई कार्य कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में नगराधीश डॉ. अनमोल, एसीपी क्राइम राजपाल, डीडीपीओ जितेंद्र कुमार, एचएसआईडीसी के एक्शन अधिकारी जगदीश, एचएसवीपी के एक्शन अधिकारी पवन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सोनीपत में सफाई कर्मियों की सुरक्षा पर बैठक:मृत्यु पर 30 लाख का मुआवजा; सेफ्टी किट अनिवार्य, साल में दो बार हेल्थ जांच
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