रिया, अनाहिता और नमिष ने पाया एआईआर, 6 ट्रांसजेंडर भी पास हुए

by Carbonmedia
()

भास्कर न्यूज | जालंधर एनटीए की ओर से नीट यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। वहीं 14 जून को एग्जाम की फाइनल आंसर-की जारी की गई थी। इसमें 1 सवाल का जवाब बदला है। बुकलेट 45 की प्रोविजनल आंसर-की में सवाल नंबर 40 का सही ऑप्शन 2 था, फाइनल आंसर की में 1, 2 दोनों ऑप्‍शन सही बताए गए हैं। बुकलेट 46 में सवाल नंबर 14 का सही जवाब 1 से बदलकर 1,4 किया गया है। बुकलेट 47 में इसी तरह सवाल नंबर 20 का सही ऑप्‍शन 3 से बदलकर 2,3 किया गया है, जबकि बुकलेट 48 में सवाल नंबर 15 का सही ऑप्‍शन 4 से बदलकर 3, 4 किया गया है। वहीं नीट यूजी 2025 में केवल 1332 उम्मीदवारों को 600 से ऊपर अंक प्राप्त हुए। इस साल नीट यूजी के लिए 170 उम्मीदवारों ने पंजाबी भाषा में एग्जाम का विकल्प चुना था। वहीं इस साल 6 ट्रांसजेडर भी परीक्षा में पास हुए है। अनाहिता अपने परिवार के साथ। नमिष गुप्ता के ऑल इंडिया रैंक हासिल करने पर उनका मुंह मीठा करवाते हुए पारिवारिक सदस्य। न्यूरो सर्जन बनना चाहती हैं रिया वासुदेव रिया वासुदेवा ने ऑल इंडिया में 1950वां रैंक हासिल किया है। एपीजे की स्टूडेंट्स रही रिया ने इससे पहले 12वीं क्लास में भी 97.2 फीसदी अंक पाएं थे। रिया बताती है कि मैंने बचपन से ही सोच लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है। घर में भी माहौल ऐसा था। इसलिए 11वीं क्लास में आते ही तैयारी शुरू कर दी थी। रिया के पिता स्वर्गीय डॉक्टर मनु वासुदेव थे और मां डॉ गौरी वासुदेव लाजवंती हॉस्पिटल में गायनाकोलॉजिस्ट है और बड़ी बहन भी अंबाला में एमबीबीएस कर रही है। रिया बताती है कि एग्जाम की तैयारी के लिए रोजाना 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थी। सोशल मीडिया भी यूज नहीं करती ती। पढ़ाई के दौरान यदि कभी स्ट्रेस होता था तो गाने सुन लेती थी या मेडिटेशन करती थी। रिया को म्यूजिक का काफी शौक है। रिया कहती है वो आगे चल कर न्यूरो सर्जन बनना चाहती है और उसकी इच्छा डीएमसी लुधियाना में दाखिला लेकर आगे पढ़ने की है। सर्जन बनना चाहते हैं नमिष गुप्ता फगवाड़ा के रहने वाले नमिष गुप्ता ने 602 अंक लेकर अॉल इंडिया में 1219वां रैंक हासिल किया है। नमिष ने आकाश इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग ली है। नमिष गुप्ता के पिता विशाल गुप्ता और मां अंजू बाला दोनों ही सरकारी स्कूल में टीचर है। नमिष ने इससे पहले 12वीं में 93 फीसदी अंक हासिल किए थे। नमिष कहते है मुझे शुरु में ही साइंस में इंट्रेस्ट था, इसलिए मैंने मेडिकल फील्ड को चुना। वो बताते है पिछले दो सालों से वह एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। नमिष कहते है कि मैंने कभी टाइम टेबल बना कर पढ़ाई नहीं की, टारगेट फिक्स करके पढ़ाई करता था। पढ़ाई के साथ – साथ उसे क्रिकेट भी काफी शौक है। नमिष भविष्य में सर्जन बनना चाहते है। कार्डियोलोजिस्ट बनना चाहती हैं अनाहिता अनाहिता नरूला ने अॉल इंडिया 3053 रैंक हासिल किया है। उसने 583 अंक हासिल किए है। अनाहिता के पिता विकास नरूला बिजनेसमैन है और मां आशु वरियाणा स्कूल में कम्प्यूटर विषय की टीचर है। अनाहिता कहती है कि मैं शुरू से ही डाक्टर बनना चाहती थी। हालांकि परिजन उसे इंजीनियरिंग बनने के लिए कहते मगर उसका रुझान मेडिकल में था। इसलिए माता-पिता ने भी उसे स्पोर्ट किया। हर छोटी से छोटी कमी को दूर करने में मदद की, मां मोरल स्पोर्ट देती रही तो पापा को कुकिंग का शौक होने के कारण उसके लिए स्वादिष्ट पकवान बनाकर खिलाते थे। ताकि वे स्वस्थ रहे और अच्छी तरह से पढ़ाई करती रहे। बैडमिंटन खेल का शोक था और लगातार पढ़ने के बाद तनाव को दूर करने के लिए मां के साथ बैडमिंटन खेला। इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाई और समय को सदुपयोग करते हुए अपनी कमियों को दूर करने पर ध्यान दिया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment