यूपी में इवेंट मैनेजर ने की कलाकारों की रकम में हेराफेरी, STF ने लखनऊ से किया गिरफ्तार

by Carbonmedia
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UP News: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक ऐसे इवेंट मैनेजर को गिरफ्तार किया है, जो सरकार की तरफ से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले कलाकारों को दी जाने वाली राशि में हेराफेरी करता था. आरोपी नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह को लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है, वह कानपुर का रहने वाला है.


एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित “भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव” के दौरान कलाकारों को मिलने वाली रकम में गड़बड़ी की गई है. जांच में सामने आया कि एक महिला कलाकार को गायन कार्यक्रम के लिए 35 हजार रुपये देने की बात हुई थी, लेकिन उसे केवल 30 हजार रुपये ही मिले. बाद में उसके खाते में राजकीय कोषागार, लखनऊ से अचानक 2.41 लाख रुपये जमा हो गए. इसके तुरंत बाद नील विजय सिंह ने उसे कॉल कर यह रकम लौटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया.


पीड़िता के अनुसार, जब उसने पैसा लौटाने से इनकार किया, तो नील विजय अपने भाई, मां, भाभी और एक महिला साथी के साथ उसके घर पहुंचा और धमकी देने लगा. उसने गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का नाम लेकर जान से मारने की धमकी भी दी.


पूछताछ में नील विजय सिंह ने स्वीकार किया कि वह संस्कृति विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कलाकारों के नाम पर फर्जी बिल बनाता था. विभाग के सहायक निदेशक राजेश अहिरवार का नाम भी सामने आया है, जो बिल पास करवाकर कोषागार से भुगतान कराते थे. इसके बाद कलाकारों पर दबाव डालकर रकम वापस ली जाती थी और उसमें से कमीशन बांटा जाता था.


कलाकारों के नाम पर फर्जी बिल किए थे तैयार 


एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने अन्य कलाकारों के नाम पर भी फर्जी बिल तैयार किए थे, जिन पर नकली हस्ताक्षर थे. पीड़िता श्रेया मिश्रा के मामले में जबरन पैसा वसूलने के प्रयास के साथ-साथ जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप भी दर्ज किया गया है. इस मामले में गोमतीनगर थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है.


भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में देशभर से आते हैं कलाकार 


उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव जैसे सांस्कृतिक आयोजनों का उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित करना है. इन आयोजनों में देशभर से कलाकार बुलाए जाते हैं, जिनकी मेहनताना सरकार की तरफ से तय होता है. परंतु ऐसे आयोजनों में यदि भ्रष्टाचार होता है, तो न केवल कलाकारों का शोषण होता है, बल्कि सरकारी छवि भी धूमिल होती है. एसटीएफ की यह कार्रवाई ऐसे भ्रष्ट नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.

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