Drone: ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव ने एक बार फिर ड्रोन युद्ध की ताकत को दुनिया के सामने ला दिया है. हाल ही में इजराइल द्वारा किए गए हमले के जवाब में ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन तैनात कर दिए. आज के दौर में ड्रोन, पारंपरिक मिसाइलों की तरह ही युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. ये मानव रहित विमान (UAV) अब निगरानी के साथ-साथ सीधे हमलों के लिए भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
भारत भी इस तकनीक में पीछे नहीं है. पाकिस्तान के साथ तनाव के समय भारत ने अपने आधुनिक ड्रोन से दुश्मन के कई UAVs को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया था. भारत के पास कई प्रकार के घातक और उन्नत ड्रोन मौजूद हैं जिनका उपयोग निगरानी और हमला—दोनों के लिए किया जाता है. आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे ताकतवर ड्रोन जिनसे दुश्मन थर-थर कांपता है.
HAROP ड्रोन
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित यह ड्रोन भारत के बेड़े में शामिल है. इसकी खासियत यह है कि यह दुश्मन की रडार प्रणाली को पहचान कर खुद टारगेट पर जाकर विस्फोट करता है. यह 9 घंटे तक उड़ान भर सकता है और लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है. 23 किलोग्राम तक हथियार ढोने की क्षमता वाले इस ड्रोन को ऑटोमैटिक या मैन्युअल, दोनों तरह से नियंत्रित किया जा सकता है. इसकी गति 400 किमी प्रति घंटा है.
Heron Mark 2
भारत ने 2023 में यह ड्रोन इजरायल से खरीदा था. यह उच्च ऊंचाई से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रख सकता है और जरूरत पड़ने पर हमले भी कर सकता है. इसकी उड़ान सीमा 3000 किलोमीटर है और यह 24 घंटे तक हवा में टिक सकता है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार, EO/IR कैमरा और लेजर डेजिग्नेटर लगे हैं जिससे यह सटीक निशाना साध सकता है. इसकी स्पीड 277 किमी प्रति घंटा और पेलोड क्षमता 490 किलोग्राम है.
Kamikaze ड्रोन
यह भारत का स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन है जिसे नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज़ ने तैयार किया है. इसकी लंबाई 2.8 मीटर और विंगस्पैन 3.5 मीटर है. यह 180 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ते हुए करीब 1000 किलोमीटर तक जा सकता है. इसमें 30 हॉर्सपावर वाला इंजन और 25 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने की क्षमता है. यह सिंगल यूज़ ड्रोन होता है जो टारगेट पर टकराकर खुद को भी विस्फोट से खत्म कर देता है. इसकी छोटी बनावट और लो-रेडार सिग्नेचर इसे दुश्मन के लिए और भी घातक बनाता है.
Hermes 900
Adani Defence और इजरायल की Elbit Systems द्वारा विकसित यह ड्रोन भारत की सुरक्षा का बड़ा हिस्सा बन चुका है. यह 30 घंटे से ज्यादा समय तक 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. इसकी खासियत है हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें खींचना और टारगेट की सटीक पहचान करना.
MQ-9 Reaper
अमेरिकी तकनीक से बना MQ-9 Reaper दुनिया के सबसे घातक ड्रोन में से एक माना जाता है. यह जासूसी, निगरानी और हमला तीनों के लिए प्रयोग में लाया जाता है. यह ड्रोन 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और इसकी रेंज लगभग 1900 किलोमीटर है. इसकी स्पीड 482 किमी प्रति घंटा और पेलोड क्षमता 1701 किलोग्राम की है. साथ ही इसका वजन 2223 किलोग्राम का है.
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