इम्पैक्ट फीचर:नीट में एलन के टॉप-10 में 4 स्टूडेंट एवं टॉप-100 में 39 स्टूडेंट

by Carbonmedia
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कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से घोषित नीट-यूजी 2025 के रिजल्ट्स में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ने एक बार फिर श्रेष्ठता साबित की है। नीट-यूजी 2025 में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स में देश में टॉप रैंक्स के साथ-साथ बड़ी संख्या में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन सुनिश्चित किया है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के सीईओ नितिन कुकरेजा ने बताया कि परिणामों में एलन के क्लासरूम कोर्स के स्टूडेंट मृणाल झा ने आल इंडिया रैंक-04 प्राप्त की है। इसके साथ ही टॉप-10 में चार स्टूडेंट्स ने स्थान प्राप्त किया है, इसमें केशव मित्तल ने आल इंडिया रैंक 07, भव्य चिराग झा ने आल इंडिया रैंक 08 प्राप्त की, ये तीनों एलन के क्लासरूम स्टूडेंट हैं तथा आरव अग्रवाल ने आल इंडिया रैंक 10 प्राप्त की है जो कि दूरस्थ शिक्षा से एलन से जुड़े हैं। एलन की आशी सिंह ने आल इंडिया रैंक-12 प्राप्त की है तथा आल इंडिया गर्ल्स कैटेगिरी में रैंक-2 पर रही हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार टॉप-100 में एलन के 39 स्टूडेंट हैं। इसमें 29 क्लासरूम प्रोग्राम से है। 10 डिस्टेंस लर्निंग एवं ऑनलाइन टेस्ट सीरीज प्रोग्राम से हैं। एलन के निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, डॉ.नवीन माहेश्वरी व डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने सभी सफल स्टूडेंट्स व उनके अभिभावकों को बधाई दी है।सीईओ नितिन कुकरेजा ने बताया कि गुणवत्ता के साथ-साथ संख्या की दृष्टि से भी एलन के परिणाम बेहतर रहे हैं। परिणाम देखे जाने तक बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ऐसे सामने आ रहे हैं, जिनका प्रवेश गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए सुनिश्चित माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि एलन श्रेष्ठता में विश्वास रखता है। श्रेष्ठ माहौल, श्रेष्ठ फैकल्टीज के साथ ही एलन श्रेष्ठ परिणाम दे रहा है। मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम्स में गत 16 वर्षों में एलन के 13 क्लासरूम स्टूडेंट्स ने आल इंडिया रैंक-1 हासिल की है। वर्ष 2024 में चिकित्सा शिक्षा के लिए देश के श्रेष्ठ संस्थान माने जाने वाले एम्स इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेने वाला हर चौथा स्टूडेंट एलन से था। इसके साथ ही गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में एलन के 10450 से अधिक स्टूडेंट्स का प्रवेश हुआ।उन्होंने कहा कि एलन रिजल्ट्स की ऑथेटिंसिटी एवं ट्रांसपरेंसी में भी विश्वास रखता है और इसे बरकरार रखने के लिए अपने रिजल्ट्स को देश की बड़ी ऑडिट फर्म ई-वाई इंडिया से वैलिडेट करवाया है। उल्लेखनीय है कि जेईई-एडवांस्ड-2025 के परिणामों में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट राजित गुप्ता ने आल इंडिया टॉप किया। टॉप-10 में 4 क्लासरूम स्टूडेंट्स और टॉप-100 में सर्वाधिक 46 स्टूडेंट्स एलन से रहे। नियमितता ही सफलता है : मृणाल झा पिता : मनोज कुमार झा (मैकेनिकल इंजीनियर, एनएचपीसी) मां : किशोरी झा नीट ऑल इंडिया रैंक : 04 संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट जन्मतिथि : 22 नवंबर 2007 एलन के क्लासरूम स्टूडेंट मृणाल झा ने नीट में ऑल इंडिया रैंक 04 हासिल की है। मृणाल का मानना है कि नीट क्रेक करने के लिए हार्डवर्क और नियमितता बहुत जरूरी है, वो चाहे होमवर्क की हो, रिविजन, टेस्ट की हो या फिर डाउट सॉल्विंग की हो। आप रेगुलर हैं तो रिजल्ट्स अच्छे आएंगे। मृणाल ने अपना की ऑफ सक्सेस शेयर करते हुए बताया कि मैं पढ़ाई घड़ी देखकर नहीं करता, लगता था कि जो भी टॉपिक को पढ़े हुए टाइम हो गया तो वही पढ़ने लग जाता था। कई बार ऐसा भी होता था कि जो टॉपिक क्लास में पढ़ाया जाने वाला होता था, मैं उसको पहले ही कवर कर लेता था। मैं पेरेन्ट्स और एलन टीचर्स का फोलोअर हूं। उनकी बातें मुझे मैजिकल रिजल्ट्स देती हैं। जब भी परेशान होता हूं या उलझन में होता हूं तो पापा-मम्मी से बात करता हूं और वो जो कहते हैं उसे मान लेता हूं। इसके बाद मुझे हमेशा अच्छे ही रिजल्ट्स मिलते हैं। एलन की टीचिंग मैथेडोलॉजी की बदौलत ही मुझे ये सक्सेस मिली है। यहां स्टूडेंट्स को हर तरह से गाइड किया जाता है कि उसका कॉन्फिडेंस स्वतः ही मजबूत हो जाता है। हर टेस्ट के बाद फैकल्टीज बताती है कि स्टडी स्ट्रेटेजी में क्या बदलाव की जरुरत है। मेरी बुआ डॉ. मृदुला भारद्वाज भी एलन की स्टूडेंट रह चुकी है और उन्होनें वर्ष 2012 में एआईपीएमटी क्रेक किया था। उन्होनें अभी पीजी कम्पलीट किया है और फिलहाल कोयम्बटूर मे सेवाएं दे रही हैं। मृणाल ने बताया कि पापा मैकेनिकल इंजीनियर हैं लेकिन, मैं शुरु से ही डॉक्टर बनने की सोच रखता था। मेरा रोज का शेड्यूल और टारगेट फिक्स होता था। उसे पूरा करने के बाद ही मोबाइल यूज करता था। रील्स व शॉर्ट्स आदि भी देखता था लेकिन, मेरा सेल्फ कंट्रोल रहता था। जब मुझे लगता था कि स्क्रीन टाइम ज्यादा हो रहा है तो फोन यूज करना बंद कर देता था। मेरा डॉक्टर बनने का सपना साकार होने जा रहा है। एम्स दिल्ली से एमबीबीएस के बाद रेडियोलॉजी में पीजी करना चाहता हूं। उचित मार्गदर्शन और नियमित अध्ययन ही सफलता : भव्य पिता : चिराग नरेश कुमार झा (आईटी सेक्टर) मां : मानसी चिराग झा नीट ऑल इंडिया रैंक : 08 जन्मतिथि : 24 नवंबर 2006 गुजरात के अहमदाबाद निवासी भव्य चिराग झा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 में ऑल इंडिया रैंक 07 हासिल की है। भव्य पिछले छह साल से एलन का रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट है। इससे पूर्व भव्य 10वीं कक्षा 92 प्रतिशत एवं 12वीं कक्षा 98 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण कर चुका है। भव्य का बड़ा भाई सर्वज्ञ भी एलन का स्टूडेंट रह चुका है और फिलहाल अहमदाबाद में एमबीबीएस इंटर्नशिप कर रहा है। भव्य ने बताया कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। नियमित पढ़ाई, सही मार्गदर्शन और आत्म-विश्वास के साथ कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। आपको नीट की तैयारी के लिए एलन से अच्छा संस्थान मिल ही नहीं सकता। समय-समय पर फैकल्टीज की गाइडेंस मिलती थी। एलन की फैकल्टीज बहुत एक्सपीरियंस्ड है और उन्हें यह पता होता है कि किस स्टूडेंट को किस सब्जेक्ट में सुधार की जरूरत है। मेरी दिनचर्या बहुत डिसिप्लिन्ड थी। हर दिन 8-10 घंटे की सेल्फ स्टडी करता था। डेली होमवर्क करता था, क्योंकि उससे डाउट्स सामने आते थे, जितने ज्यादा डाउट्स आप सॉल्व करोगे, उस सब्जेक्ट पर आपका कमांड उतना ही ज्यादा होता है। छोटे-छोटे कॉन्सेप्ट्स को अच्छे से समझा और सवाल हल करने का अभ्यास बढ़ाया। एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करना चाहता हूं। खुद के डर को हराना ही असली जीत : केशव मित्तल पिताः डॉ. प्रबोध कुमार (होम्योपैथिक चिकित्सक) मांः सुनीता रानी नीटः ऑल इंडिया रैंक 07 संस्थानः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट जन्मतिथिः 9 अक्टूबर 2007 एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट केशव ने नीट में ऑल इंडिया रैंक 07 हासिल की है। मूलतः चंडीगढ़ निवासी केशव ने 10वीं कक्षा 97.6 प्रतिशत एवं 12वीं कक्षा 98 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। नीट से पूर्व केशव ने जेईई मेन में 99.35 परसेन्टाइल मार्क्स स्कोर किए थे। केशव ने बताया कि नीट जैसे नेशनल लेवल के एग्जाम की तैयारी के लिए एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ही परफेक्ट है। यहां की फैकल्टीज एक्सपीरियंस्ड है। मैंने एलन के टीचर्स की गाइडलाइंस को फॉलो किया और एलन के नोट्स अपने आपमें परफेक्ट हैं। इसके बाद आपको किसी अन्य स्टडी मैटेरियल की जरूरत नहीं होती। कोचिंग में हर टेस्ट को मैं फाइनल नीट एग्जाम जैसा मानकर देता था। मैं नीट 2026 में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स से कहना चाहूंगा कि असली जीत तो खुद के डर को हराना है। कई स्टूडेंट्स नीट के एग्जाम का हौव्वा बना लेते हैं कि काफी कठिन पेपर आएगा लेकिन आपकी तैयारी मजबूत है तो आपको सलेक्ट होने से कोई नहीं रोक सकता। मैं घंटो बैठकर पढ़ाई नहीं करता था लेकिन जितना भी पढ़ता था, वो परफेक्ट होता था। मेरी तैयारी का बेस एनसीईआरटी था। मैंने बायोलॉजी की एनसीईआरटी को लगभग 10-12 बार रिवाइज किया। फिजिक्स और केमिस्ट्री के लिए एनसीईआरटी के साथ-साथ कोचिंग की नोट्स और पिछले वर्षों के पेपर में आए प्रश्नों पर फोकस किया। मैं सोशल मीडिया पर भी एक्टिव था लेकिन मैं बहुत सोच समझकर उपयोग करता था। मैं एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करूंगा। उसके आगे स्पेशलाइजेशन के बारे में कुछ अभी सोचा नहीं है। कोटा में स्टूडेंट्स एक दूसरे से मोटिवेट होते हैं : आशी पिताः संजीव कुमार (कैप्टन, मर्चेन्ट नेवी) मांः रंजू कुमारी शर्मा नीट ऑल इंडिया रैंकः 12 एवं आल इंडिया गर्ल कैटेगरी रैंक-2 संस्थानः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट जन्मतिथिः 8 फरवरी 2007 एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा की क्लासरूम स्टूडेंट आशी सिंह ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 में ऑल इंडिया रैंक 12 हासिल की है। साथ ही आल इंडिया गर्ल कैटेगिरी में रैंक-2 रही है। आशी मूलतः पटना की रहने वाली है लेकिन खुद की और छोटी बहिन की पढाई के लिए पूरा परिवार दो साल पहले कोटा ही शिफ्ट हो चुका है। आशी ने 10वीं कक्षा 99 एवं 12वीं कक्षा 96 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। आशी ने बताया कि नीट की तैयारी के लिए एलन से परफेक्ट इंस्टीट्यूट और कोटा से अच्छा एनवायरमेंट कहीं और नहीं मिल सकता। यहां हर कोई अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहा है और एक-दूसरे को देखकर ही स्टूडेंट्स मोटिवेट होते हैं। आशी ने अपना की ऑफ सक्सेस शेयर करते हुए बताया कि जब तक हम शांत होकर पढ़ाई नहीं करेंगे तब तक एकाग्रता नहीं आती है। सफलता के लिए हार्डवर्क के साथ-साथ रिवीजन और अनुशासन को जरूरी मानती हूं। रिवीजन मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैंने बॉयो में टॉपिक्स को बार-बार रिवाइज किया, फिजिक्स और कैमेस्ट्री में प्रश्नों को बार-बार सॉल्व किया। यही वजह है कि मेरा सब्जेक्ट्स पर कंट्रोल होता चला गया। हर टेस्ट के बाद सेल्फ एनालिसिस करती थी। यह भी सक्सेस का मुख्य कारण है। क्योंकि इससे स्टूडेंट को कमजोरियों का पता चल जाता है और वे उन्हें फैकल्टीज की मदद से या रिवीजन करके दूर कर सकता है। रोजाना क्लासरूम के अलावा 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती हूं। खुद का फोन नहीं था। फैकल्टीज से कम्यूनिकेशन के लिए मम्मी का फोन यूज करती थी। दो साल तक कोचिंग में हुए टेस्ट में मेरे एवरेज मार्क्स हमेशा 700 से ज्यादा आते थे। कई बार छोटी-छोटी गलतियों की वजह से 695 तक भी आए लेकिन अगले टेस्ट में मैं उन गलतियों को दोहराने से बचती थी। फिलहाल एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करुंगी। स्पेशलाइजेशन के बारे में फिलहाल कुछ सोचा नहीं है। खुद से झूठ मत बोलो, कमजोरी को इग्नोर मत करो : मनु शर्मा पिता : हेमंत कुमार शर्मा (गर्वनमेंट टीचर) मां : मंजू शर्मा नीट : ऑल इंडिया रैंक 43 संस्थान : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट जन्मतिथि : 9 अक्टूबर एलन के क्लासरूम स्टूडेंट मनु शर्मा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 में ऑल इंडिया रैंक 43 हासिल की है। मनु का परिवार राजस्थान के भरतपुर से है। मनु ने बताया कि मां की इच्छा थी कि मैं डॉक्टर बनूं। नीट जैसे बड़े एग्जाम की तैयारी के लिए वहां पर्याप्त संसाधन व कोचिंग नहीं हैं। मेरा सपना बड़ा था और उसे साकार करने के लिए असली दिशा मुझे कोटा आकर ही मिली। मैं कोटा में अपने जुड़वां भाई और मां के साथ पीजी में रहता था। मैंने एग्जाम में परफेक्शन के लिए जेईई मेन का पेपर भी दिया था, जिसमें मेरी 98.8 पर्सेन्टाइल एवं ऑल इंडिया रैंक 18 हजार थी। 10वीं कक्षा 95.83 एवं 12वीं 94.6 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। मनु ने बताया कि क्वालिटी स्टडी ज्यादा जरूरी होती है। मैं अपना लक्ष्य हर दिन याद रखता था और वही मेरा मोटिवेशन था। मैं 8 से 10 घंटे पढ़ता था। मैंने 11वीं क्लास से ही तैयारी शुरू कर दी थी। हर दिन का एक टारगेट तय होता था। साथ में साप्ताहिक टेस्ट से सेल्फ एनालिसिस भी करता था। मैं मानता हूं कि हमें खुद से झूठ नहीं बोलना चाहिए। जितना पढ़ा है, उतना ही एनालिसिस करना चाहिए और अपने कमजोर सब्जेक्ट को कभी इग्नोर मत करो। उस पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि वही सब्जेक्ट आपका सलेक्शन होने से रोक सकता है या रैंक गिरा सकता है। रिजल्ट के बाद अब एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करूंगा। स्पेशलाइजेशन के बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है।

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