श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार और पंथक अकाली लहर के संस्थापक भाई रणजीत सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और इसके अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पर गुरुद्वारे की संपत्तियों को सस्ते में बेचने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि तरनतारन साहिब स्थित गुरु घर की करोड़ों की जमीन को बिना किसी सार्वजनिक बोली के कौड़ियों के दाम पर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जमीन संगत द्वारा गुरु घर को श्रद्धा से दान में दी गई थी और SGPC केवल उसकी संरक्षक है, मालिक नहीं। पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि तरनतारन में गुरुद्वारा की बेशकीमती संपत्ति, जिसकी बाजार कीमत 50 लाख रुपये है, उसे महज़ 9 लाख रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह 60 लाख की संपत्ति को 16 लाख में बेचा गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 40 बार यह संपत्ति बोली में डाली गई थी लेकिन बोली रद्द कर दी जाती थी। मगर इस बार बिना किसी खुली बोली के, इसे SGPC अध्यक्ष और कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा अपने चहेतों को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा की जमीन पर भी आरोप रणजीत सिंह ने आगे आरोप लगाया कि हरियाणा में एक मुस्लिम श्रद्धालु द्वारा गुरु घर को दान की गई 27 एकड़ जमीन में से 25 एकड़ जमीन को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नाम 99 साल के पट्टे पर दे दिया गया। SGPC ने इस जमीन पर 100 करोड़ रुपये का बैंक लोन भी उठाया, जिसकी किस्तें SGPC द्वारा चुकाई जा रही हैं। साथ ही, इस निजी ट्रस्ट को हर साल SGPC के बजट से 8 करोड़ रुपये भी दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि SGPC के चुनाव हर 5 साल में होना अनिवार्य है, लेकिन पिछले 13 वर्षों से चुनाव नहीं हुए। इस कारण, “यह लूटू टोल़ा मनमानी करते हुए गुरु घर की संपत्तियों को लूट रहा है।” संगत से एकजुट होने की अपील भाई रणजीत सिंह ने संगत से अपील की कि गुरुद्वारों की संपत्तियों को बेचने के प्रयासों का डटकर विरोध करें, ताकि ये अमूल्य धार्मिक धरोहरें “बुचड़ों के हाथों में” जाने से बच सकें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि SGPC अध्यक्ष धामी ने इस जमीन की रजिस्ट्री की इजाजत दी, तो वह घर-घर जाकर विरोध दर्ज करवाएंगे। SGPC ने आरोपों को बेबुनियाद बताया शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खंडन किया है। SGPC सचिव प्रताप सिंह और गुरनाम सिंह ने कहा कि जिस जमीन को बेचा गया है वह गुरुद्वारा साहिब के प्रयोग में नहीं थी और अवैध कब्जों से बचाने के लिए इसे खुले बोली के जरिए नियम अनुसार बेचा गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर भाई रणजीत सिंह को कीमत कम लगती है तो वे 55 लाख जमा करवा दें, SGPC बोली रद्द कर देगी। SGPC ने संगत से अपील की कि वे भ्रामक बयानों से सतर्क रहें।
SGPC पर पूर्व जत्थेदार का आरोप:गुरुद्वारा संपत्तियों को सस्ते में बेचा; तरनतारन में 50 लाख की जमीन 9 लाख में बेची
3