मॉडल टाउन एक्सटेंशन में अमर शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा साहिब में चौपाई साहिब व सुखमणि साहिब का पाठ किया

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज |लुधियाना मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी गुरुद्वारा साहिब में हुए जप-तप समागम में श्रद्धा और भक्ति की ऐसी मिसाल देखने को मिली, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। भरी गर्मी में भी लाखों संगत सुबह से ही गुरुद्वारा साहिब पहुंचने लगी। सुबह 9 बजे दरबार हॉल पूरी तरह भर चुका था और संगत गुरुद्वारे के बाहर सड़कों पर बैठकर सिमरन करने लगी। समागम की शुरुआत सुबह 11 बजे श्री जपजी साहिब के पाठ से हुई। इसके बाद चौपाई साहिब और सुखमणि साहिब का संगती पाठ किया गया। गुरुद्वारा साहिब के चारों ओर की सड़कें संगत से भरी रहीं, जो तपती धूप में भी साधना में लीन रहे। जहां एक ओर महिलाएं लंगर बनाने की सेवा में जुटी रहीं, वहीं छोटे-छोटे बच्चे संगत को पंखा झलते नजर आए। किसी ने पानी पिलाया तो किसी ने लस्सी की सेवा की। पूरा माहौल गुरु भक्ति और सेवा भावना से सराबोर था। संगत धन-धन बाबा दीप सिंह का नाम जपती रही। दिल्ली से आई जसविंदर कौर ने बताया कि वे सुबह शताब्दी ट्रेन से पहुंचीं और शाम को लौट जाएंगी। वह पिछले दो वर्षों से इस समागम में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा, मेरे दोनों बेटे गलत संगत में पड़ गए थे और शादी की बात भी नहीं बन रही थी। मैंने इस पवित्र स्थान पर सेवा शुरू की और श्री सुखमणि साहिब के पाठ किए। तब से बेटों में सुधार आना शुरू हुआ। आज वे भी मेरे साथ आते हैं। एक बेटे की शादी भी हो गई है। ये सब बाबा जी की मेहर से हुआ है। सहारनपुर से आए हरविंदर सिंह ने बताया कि वे नंगे पैर मोटरसाइकिल चला कर समागम में पहुंचते हैं। सुबह से शाम तक लस्सी की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल मेरी फैक्ट्री बंद हो गई थी, कर्ज में डूब गया था। किसी से कोई उम्मीद नहीं रही। तब यहां आकर बाबा दीप सिंह जी के चरणों में अरदास की। धीरे-धीरे कर्ज उतर गया और फैक्ट्री दोबारा चल निकली। तब से हर साल अपनी कमाई से लस्सी का लंगर लगाता हूं। इस विशाल आयोजन के सफल संचालन के लिए गुरुद्वारा साहिब की कमेटी ने संगत का धन्यवाद किया। सुखविंदर पाल सिंह सरना, हरप्रीत सिंह राजधानी, नवप्रीत सिंह बिंद्रा, और अमरजीत सिंह टिक्का ने कहा कि इतनी गर्मी में भी संगत की उपस्थिति गुरु की कृपा और संगत की श्रद्धा का प्रतीक है। अंत में संगत को गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया।

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