सिधवां नहर पर बने रहे लोहारा पुल के निर्माण पर सवाल, जाम और हादसों का कारण बनेगा

by Carbonmedia
()

अन्य विकल्पों को नजरअंदाज किया गया: इंजीनियर्स काउंसिल के अनुसार यदि इसी राशि से एक फ्लाईओवर सदर्न बाईपास पर बनाया जाता और एक आरसीसी कैंटिलीवर स्लैब के जरिए सिधवां नहर पर सड़क को चौड़ा किया जाता, तो ट्रैफिक व्यवस्था कहीं बेहतर होती। संगठन ने आरोप लगाया कि एक निजी कमर्शियल प्रोजेक्ट को फायदा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है, जहां से दाएं मुड़ते ही ट्रैफिक जाम की स्थिति और गंभीर हो जाएगी। सुरक्षा मानकों की अनदेखी: ब्रिज निर्माण स्थल पर सुरक्षा इंतजाम नदारद हैं। नहर के किनारे कीचड़ के कारण फिसलन की स्थिति बनी हुई है और कोई बैरिकेडिंग भी नहीं की गई, जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा बना हुआ है। काउंसिल ने चेताया है कि यदि इस पर विचार नहीं किया गया तो स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को असुविधा और जान का जोखिम झेलना पड़ेगा। उन्होंने स्वतंत्र तकनीकी टीम से ऑडिट और निर्माण से पहले डिज़ाइन की दोबारा समीक्षा की मांग की है। भास्कर न्यूज|लुधियाना सिधवां नहर पर बन रहा लोहारा ब्रिज विवादों में घिर गया है। इंजीनियर्स काउंसिल और पब्लिक एक्शन कमेटी ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर इस अंडर-कंस्ट्रक्शन ब्रिज के डिजाइन पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसके लिए तत्काल तकनीकी ऑडिट की मांग की है। करीब 11.94 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे इस ब्रिज को मिसिंग लिंक-2 पार्ट-सी और सदर्न बाईपास के साथ जोड़ा जा रहा है। परंतु इंजीनियरों का दावा है कि ये पुल सड़क यातायात में सुविधा के बजाय जाम और दुर्घटनाओं की नई वजह बनेगा। ब्रिज को सिधवां नहर पर लगभग 45 डिग्री के कोण पर बनाया जा रहा है, जिससे दोनों ओर मुड़ने वाले भारी वाहनों को अत्यधिक कठिनाई होगी। खासकर वी-शेप मोड़ और सड़क की संकरी चौड़ाई, ट्रेलर जैसे वाहनों के लिए जाम की स्थिति पैदा करेगी। इतना ही नहीं, बिना भूमि अधिग्रहण के इस दिशा में कोई विस्तारीकरण संभव नहीं है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment