सड़क हादसों में लोगों की जान बचाने के लिए पार्थ गौतम फाउंडेशन आया आगे, बांटे 2000 हेलमेट, सरकार से की यह बड़ी माँग!

by Carbonmedia
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सड़क हादसों की वजह से अभी तक हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसका सबसे ज्यादा शिकार दो पहिया वाहन जैसे बाइक या स्कूटी चलाने वाले हुए हैं. हेलमेट न पहनने की वजह से हर साल हजारों परिवार अपने करीबियों को रोड एक्सीडेंट में खो देते हैं. आँकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट दो पहिया वाहनों के होते हैं. इनमें इसकी सवारी करने वालों की मौत का आँकड़ा भी सबसे ज्यादा है.
देश में कई लोग जो दो पहिया वाहन की सवारी करते हैं वे हेलमेट नहीं पहनते, ऐसे में इस समस्या का समाधान पार्थ गौतम फाउंडेशन ने निकाला है. ये संस्था बरेली की है जिसने 2000 हेलमेट को मुफ्त में लोगों के बीच बांटा है. न केवल हेलमेट मुफ्त में दिये बल्कि जागरूकता अभियान के तहत उन्हें सड़क पर चलने को लेकर सावधानियाँ बरतने की सलाह भी दी. 
पार्थ गौतम फाउंडेशन ने सरकार से की बड़ी मांग
इस अभियान के तहत फाउंडेशन ने आम व्यक्ति को हेलमेट के महत्व के साथ सरकार से भी माँग की कि वे बाइक-स्कूटी की खरीदारी के समय हेलमेट देना अनिवार्य करें. संस्था की माँग है कि दो-पहिया वाहन खरीदते वक्त कंपनी उपभोक्ता को हर बाइक-स्कूटी पर दो हेलमेट जरूर दे, ताकि एक हेलमेट चलाने वाला और दूसरा हेलमेट साथ बैठने वाला पहन सके. सड़क दुर्घटना में केवल उस व्यक्ति को ही चोट नहीं आती जो बाइक या स्कूटी पर बैठे होते हैं बल्कि वे भी चोटिल होते हैं जो सड़क पर चल रहे होते हैं.
हेलमेट न पहनने की वजह से हजारों लोगों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि इस सामाजिक कार्यक्रम का उद्देश्य हेलमेट सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, जिसे ‘हेलमेट है तो ज़िंदगी है’ जैसे नारों से आम लोगों की बीच पहुँचाया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 47 हजार लोगों की मौत हेलमेट ना पहने की वजह से हुई थी. एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन तकरीबन 80 लोगों की मौत हेलमेट ना पहनने की वजह से होती है. यह एक बेहद ही गंभीर मामला है, जिसे लेकर आए दिन सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता और हेलमेट वितरण अभियान चलाए जा रहे हैं.  
इसलिए पार्थ गौतम फाउंडेशन चाहता है कि इन बे-वजह की मौतों पर लगाम लगनी चाहिए. इसके लिए एक कानून बनाया जाए, जो व्यक्ति दो पहिया वाहन खरीदे वो तुरंत हेलमेट भी खरीदे या कंपनी की तरफ से फ्री में दिए जाए. फाउंडेशन ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से अपील की है कि सरकार इसके लिए तत्काल कदम उठाए. जागरूकता अभियान चलाए, साथ ही दो-पहिया चालकों को निःशुल्क मेडिकल सुविधा देने की माँग भी की है. संस्था ने इस अभियान के तहत मुफ्त इलाज के लिए पाँच मेडिकल कार्ड भी दिए हैं. ये मेडिकल कार्ड आयुष्मान भारत योजना जैसी सुविधाएँ प्रदान उपलब्ध करवाते हैं.

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