बिहार के सभी डीसीएलआर 3 महीने के अंदर हटाए जाएं, पटना हाईकोर्ट का निर्देश, जानें पूरा मामला

by Carbonmedia
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Patna High Court Order: राजस्व भूमि सुधार मामले में गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. न्ययालय ने बिहार सरकार को आदेश दिया है कि जो भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी तैनात हैं. उनको हटाकर तीन माह के भीतर बिहार राजस्व सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करें.
कोर्ट ने सामान्य प्रशासन को तीन माह का समय दिया
कोर्ट ने नवसृजित अपर जिला-भू अर्जन पदाधिकारी के 102 पदों पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करने का निर्णय दिया है. इसके लिए कोर्ट ने सामान्य प्रशासन को तीन माह का समय दिया है. 
पटना में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ में बिहार सरकार बनाम विनय कुमार के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें यह आदेश दिया गया है कि जो रेवन्यू अधिकारी हैं. इसमें अंचल अधिकारी जो प्रमोशन ले चुके हैं, उन्हें भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR)के पद पर रखा जाए.
उच्च न्ययालय में बिहार सरकार के वकील ए.बी ओझा और और याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार के बीच बहस हुई और तथ्यों के आधार पर न्यायालय ने यह आदेश दिया.
वकील दीनू कुमार ने बताया कि 2024 में अंचल अधिकारी से प्रमोशन प्राप्त किये विनय कुमार सहित 59 लोगों ने केस फाइल करवाया था, जिसमें दलील दी गई थी कि भूमि उप समाहर्ता के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को तैनात किया गया है.
दिनु कुमार ने कहा कि दोनों ओर से बहस को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि जो रेवेन्यू विभाग के हैं. उस पद पर दूसरे कैडर को रखना कानूनन गलत है. दिनु कुमार ने कहा कि न्यायालय ने आदेश दिया है कि बिहार सरकार का समान्य प्रशासन विभाग 3 महीने के अंदर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को हटाए और प्रमोशन प्राप्त राजस्व सेवा के पदाधिकारी को भूमि उपसमाहर्ता के पद पर तैनात करें. 
सीओ को प्रमोशन देकर डीएसएलआर बनाने का है नियम
बता दें कि पूरे बिहार में 101 भूमि  भूमि उप समाहर्ता का पद हैं और इस पद पर नौ साल से अधिक अंचलाधिकारी के पद पर तैनात कर्मी को प्रमोशन देकर डीएसएलआर बनाने का नियम है, लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से लगातार बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को डीएसएलआर पर तैनात किया जाता रहा है. अभी जितने भी डीएसएलआर है वह सभी बिहार प्रशासनिक सेवा के ही हैं.
इसको लेकर प्रमोशन प्राप्त अंचल अधिकारी ने कोर्ट में जाने का निर्णय लिया. अब कोर्ट ने आदेश दिया है कि डीसीएलआर के पद पर प्रमोशन प्राप्त अंचल अधिकारी ही रहेंगे और जो प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं उन्हें भू अर्जन पदाधिकारी में पद स्थापित किया जा सकता है.

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