भास्कर न्यूज | जालंधर इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक शुक्रवार को अध्यक्ष सुनील शर्मा की अध्यक्षता में हुई इसमें पीएसपीसीएल की तरफ से उद्योगों को पीक्यूआई मीटर लगाने पर लाखों रुपये की पेनल्टी भेजे जाने पर चिंता जताई। शर्मा ने कहा कि नई किस्म के पीक्यूआई मीटर से जुड़ा टैरिफ एक अप्रैल 2025 से लागू है। ऐसे में उससे पहले किसी भी उद्योग को पैनल्टी देना न तो तर्कसंगत है और न ही कानूनी रूप से सही। उन्होंने बताया कि कई उद्योगों ने विभाग को दो बार 31 मार्च 2024 और 31 मार्च 2025 को लिखित में सहमति दी थी कि जो इंडस्ट्री संचालक ये मीटर पावर कारपोरेशन से लगवाएंगे, उन्हें हर महीने किराया देना पड़ेगा। इसके बाद भी अब तक मीटर नहीं लगाए गए थे। अब पैनल्टी के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। ये गलत है। जिन उद्योगों ने 21 मार्च 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच नया कनेक्शन लिया या लोड बढ़वाया, उन्हें ₹50 से ₹80 प्रति किलोवाट के हिसाब से लाखों रुपये की पेनल्टी जोड़कर नोटिस और बिल भेजे गए हैं। दूसरी तरफ संगठन के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा कि जब तक पीक्यूमीटरों का टैरिफ औपचारिक रूप से लागू नहीं होता, तब तक किसी भी तरह की पेनल्टी लगाना गलत है। इसी दौरान संगठन के वाइस प्रेसिडेंट राजीव जैरथ ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही चंडीगढ़ में उच्च अधिकारियों से मिलेगा और यह मामला उनके सामने मजबूती से रखा जाएगा। दूसरी तरफ प्रधान सुनील शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री दफ्तर खुद हस्तक्षेप करके मसले का हल करेगा। बैठक में संदीप गुप्ता, संदीप शारदा, फूल सिंह शेखावत, मुनीश जुनेजा, अंशुल कपानिया, विपन शर्मा भी मौजूद रहे।
पीक्यूआई मीटरों का टैरिफ लागू होने से पहले कारखानों को पेनल्टी लगाना गलत
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