पलवल जिले के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में इस वर्ष से कोरियन भाषा का कोर्स शुरू होगा। यह कोर्स छात्रों के साथ-साथ कार्यरत पेशेवर भी कर सकेंगे। इंडो कोरियन बिजनेस कल्चरल सेंट(आईकेबीसीसी) के प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की। कोरियन भाषा रोजगार के लिए महत्वपूर्ण आईकेबीसीसी की संस्थापक अध्यक्ष जेना चुंग और प्रबंध निदेशक आईके सिन्हा ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार के साथ कोरियन भाषा के अवसरों पर चर्चा की। कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विभिन्न भाषाओं को शामिल करने का प्रावधान है। कोरियन भाषा रोजगार के लिए महत्वपूर्ण है। इस कोर्स के बाद स्टूडेंट भारत में स्थित कोरियाई कंपनियों में काम कर सकेंगे। साथ ही दक्षिण कोरिया में भी उनके लिए अवसर खुलेंगे। कुशल युवाओं को लाभान्वित करेगा प्रोग्राम विश्वविद्यालय पहले से ही जर्मन और जापानी भाषा के कोर्स करवा रहा है। आईकेबीसीसी की अध्यक्ष जेना चुंग के अनुसार कोरियन भाषा की वैश्विक मांग है। यह प्रोग्राम कुशल युवाओं को लाभान्वित करेगा। कार्यक्रम में स्किल डिपार्टमेंट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के चेयरमैन डॉ. समर्थ सिंह भी उपस्थित रहे।
पलवल के कौशल विश्वविद्यालय में कोरियन भाषा का कोर्स:वर्किंग प्रोफेशनल्स भी कर सकेंगे, जर्मन-जापानी के बाद तीसरी विदेशी बोली
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