सेना से जुड़े मामलों को सही तरीके से देखने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने नए नियम बनाए हैं। इसके तहत अब हर ऐसे मामले में एक डीएसपी रैंक का अधिकारी खास तौर पर सेना से संपर्क में रहेगा। इसका फैसला हाल ही में पटियाला में हुए एक मामले के बाद लिया गया है, जिसमें सेना के अफसर कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ पंजाब पुलिस ने मारपीट की थी। नए नियम के मुताबिक, अब सेना के मामलों में चंडीगढ़ पुलिस एक “मिलिट्री कोआर्डिनेशन ब्रांच” बनाएगी, जिसमें एक डीएसपी अधिकारी इन मामलों की निगरानी करेगा। अगर कोई गंभीर केस हो तो सेना के बड़े अफसरों को तुरंत जानकारी दी जाएगी। साथ ही सेना की यूनिटों के संपर्क अधिकारियों की लिस्ट भी पुलिस के पास हमेशा अपडेट रहेगी ताकि जल्दी संपर्क हो सके। अगर मामला ज्यादा बड़ा या संवेदनशील हो, तो पुलिस एक विशेष जांच टीम (SIT) बना सकती है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। बिना अनुमति नहीं कर सकेंगे गिरफ्तार नए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई जवान ड्यूटी पर है, तो उसे बिना केंद्र सरकार की इजाजत के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। साथ ही पुलिस को यह भी ध्यान रखना होगा कि कार्रवाई के दौरान जवान की इज्जत और उसकी ड्यूटी में कोई रुकावट न हो। सेना के जवानों को अनावश्यक बार-बार पुलिस थाने नहीं बुलाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उनका बयान फोन या वीडियो कॉल से लिया जाएगा। अगर किसी मामले में उनकी उपस्थिति जरूरी हो, तो सेना से समय लेकर बुलाया जाएगा ताकि उनकी ड्यूटी पर असर न पड़े। अगर पुलिसकर्मी ने की गलती, तो होगी सख्त कार्रवाई नियमों में साफ कहा गया है कि जिस दौरान सेना का जवान शिकायत देने के लिए पुलिस स्टेशन या फिर पुलिस स्पॉट पर गई हुई है तो उस दौरान अगर सेना के जवान के साथ पुलिसकर्मी ने सेना के जवान के साथ गलत व्यवहार किया, तो उसके खिलाफ तुरंत जांच होगी और जरूरत पड़ी तो उसे सजा भी दी जाएगी।
चंडीगढ़, सेना से जुड़े मामले देखेगा डीएसपी स्तर का अधिकारी:पटियाला में आर्मी अफसर और बेटे के साथ मारपीट के बाद नई गाइडलाइन लागू
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