RSS Chief Mohan Bhagwat: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति का आकलन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के पास शक्तिशाली होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने ताकत को नीतिगत मामले के रूप में नहीं बल्कि सभ्यता से जोड़कर परिभाषित किया. उनका ये बयान ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही सप्ताह बाद आया है.
आरएसएस से जुड़े ऑर्गनाइजर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा की शुरुआत समाज से होती है, सिर्फ राज्य से नहीं. उन्होंने कहा कि हम विश्व व्यापार पर हावी होने के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं कि हर कोई शांतिपूर्ण, स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सके.
हिंदू समाज को भागवत की चेतावनी
मोहन भागवत ने कहा कि हमारे पास शक्तिशाली होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि हम अपनी सभी सीमाओं पर दुष्ट ताकतों की दुष्टता देख रहे हैं. आरएसएस प्रमुख ने न केवल राजनेताओं और नीति निर्माताओं को बल्कि बड़े पैमाने पर हिंदू समाज को भी चेतावनी देते हुए कहा कि आपको खुद का बचाव करना चाहिए, किसी और के बचाने आने का इंतजार न करें.
खंडित समाज अपनी रक्षा कैसे कर सकता है?
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि विदेशों में हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है, लेकिन जब हिंदू मजबूती से खड़े होते हैं तो दुनिया इस पर ध्यान देती है. भागवत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जातिगत सद्भाव, पारिवारिक मूल्य और पारिस्थितिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि एक खंडित समाज अपनी रक्षा कैसे कर सकता है?
मोहन भागवत ने कहा कि असली ताकत आंतरिक होती है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. हमें अपनी रक्षा करने के काबिल होना चाहिए. कोई भी हमें हरा न सकें, भले ही एक साथ एक कई शक्तियां आ जाएं. हम युद्ध के लिए प्रार्थना नहीं करते हैं, लेकिन हम तैयारी करते हैं ताकि युद्ध की जरूरत ही न पड़े.
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