ध्यान से कैसे मिलता है कॉन्फिडेंस का ज्ञान? जानें मन पर काबू पाने का तरीका

by Carbonmedia
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ध्यान से न सिर्फ एकाग्रता बढ़ती है, बल्कि कॉन्फिडेंस में भी इजाफा होता है. इसकी मदद से मन को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? यह बताया गया भारत मंडपम में हुए दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के पीस प्रोग्राम में, जिसने कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स को नई राह दिखाई. दरअसल, बिजी लाइफस्टाइल में ध्यान से कैसे खुद को बेहतर बनाया जा सकता है, यह बात पीस प्रोग्राम में सही तरीके से समझाई गई. 
सर्वे में सामने आई यह बात
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और मानसिक अशांति कॉमन प्रॉब्लम बन चुकी है. यह बात पीस प्रोग्राम के के तहत अप्रैल 2025 में किए गए एक सर्वे में सामने आई. इसमें 300 कैंडिडेट्स को तीन ग्रुप में बांटा गया और उनके टेंशन लेवल, मनोदशा और फैसले लेने की क्षमता की जांच की गई. जो लोग ध्यान नहीं करते थे, उनमें 70 फीसदी में तनाव के लक्षण नहीं मिले, जबकि 26 फीसदी लोग थोड़े तनाव और 4 पर्सेंट कैंडिडेट्स टेंशन से बुरी तरह जूझते मिले. वहीं, ध्यान करने वाले ग्रुप में 92 फीसदी लोगों में तनाव के लक्षण नजर नहीं आए. इसके अलावा 8 पर्सेंट लोग थोड़े-बहुत तनाव में नजर आए, जबकि बहुत ज्यादा तनाव के लक्षण किसी भी कैंडिडेट्स में नहीं मिले. 
मन को लेकर दी यह परिभाषा
साध्वी डॉ. निधि भारती ने बताया कि हमारा मन अक्सर ‘मंकी माइंड’ कहलाता है, क्योंकि यह निरंतर विचारों, विकारों और भावनात्मक अस्थिरता से भरा रहता है. इस चंचलता से न सिर्फ हमारी प्रॉडक्टिविटी प्रभावित होती है, बल्कि हमारा कॉन्फिडेंस भी कम करती है. उन्होंने ब्रह्मज्ञान ध्यान की तकनीक के माध्यम से समझाया कि कैसे हम अपने मन को शांत और नियंत्रित कर सकते हैं. उन्होंने कुछ रोचक एक्टिविटीज और मॉडल्स के जरिए यह दिखाया कि ध्यान मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति अपने विचारों को व्यवस्थित कर सकता है और सही निर्णय लेने लायक बनता है. 
ब्रह्मज्ञान ध्यान से बताया सनातन मूल्यों का महत्व
साध्वी मणिमाला भारती जी ने म्यूजिकल सेशन में भारत के सनातन मूल्यों को ब्रह्मज्ञान ध्यान के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया. उन्होंने पृथ्वीराज चौहान, भगत सिंह और रानी पद्मावती जैसे राष्ट्रीय नायकों के उदाहरणों के माध्यम से दिखाया कि कैसे सनातन मूल्य आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना को प्रेरित करते हैं. इस सत्र ने कैंडिडेट्स को यह सिखाया कि ध्यान न केवल व्यक्तिगत शांति देता है, बल्कि सामाजिक और कॉर्पोरेट जीवन में भी नेतृत्व और आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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