रेवाड़ी और भिवाड़ी जिला प्रशासन ने जलभराव की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त बैठक की। बैठक भिवाड़ी समेकित विकास प्राधिकरण कार्यालय में आयोजित की गई। डीसी अभिषेक मीणा ने स्पष्ट किया कि मसानी बैराज में केवल बरसाती पानी की अनुमति होगी। भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र, सीवरेज लाइनों या घरों से निकलने वाले दूषित जल को बैराज में नहीं छोड़ा जाएगा। योजना में पांच बड़े टैंक बनाए जाएंगे डीसी मीणा ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 218 करोड़ रुपए की एक विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना में पांच बड़े टैंक बनाए जाएंगे। दो सौ एकड़ में एक बड़ा टैंक निर्मित होगा। 23 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पाइपलाइन से पानी को पटौदी के पास इंदौरी नदी तक पहुंचाया जाएगा। योजना को पूरा करने में लगभग तीन वर्ष का समय लगेगा। 160 करोड़ से एसटीपी का निर्माण भिवाड़ी में 160 करोड़ रुपए की लागत से एसटीपी का निर्माण चल रहा है। साथ ही 60 करोड़ रुपए की लागत से बरसाती पानी को पाइपलाइन से मसानी बैराज तक पहुंचाने की योजना है। वर्तमान में भिवाड़ी में पानी निकासी की कोई ऑप्शनल व्यवस्था नहीं है। इसी कारण मुख्य सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश बीडा के सीईओ अतुल प्रकाश ने बताया कि उद्योगों में एसटीपी लगे हुए हैं। डीसी मीणा ने इन एसटीपी की कार्यप्रणाली की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भिवाड़ी व रेवाड़ी नगर परिषद के अधिकारियों को भिवाड़ी में जल निकासी के लिए स्थल निरीक्षण का भी निर्देश दिया। खाली पंचायती भूमि पर जोहड़ बनाए जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि जलभराव से बचाव के लिए आकेड़ा, महेश्वरी आदि गांवों में खाली पंचायती भूमि पर जोहड़ बनाए गए हैं। बैठक में ये अधिकारी रहे शामिल बैठक में भिवाड़ी नगर परिषद के आयुक्त मुकेश कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भिवाड़ी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित जुआल, बीडा के अधीक्षण अभियंता देवेंद्र कुमार, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय बाघोतिया, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता अशोक कुमार यादव, नगर परिषद सचिव प्रशांत शर्मा आदि मौजूद रहे।
रेवाड़ी-भिवाड़ी प्रशासन ने तैयार की 218 करोड़ की योजना:मसानी बैराज में बरसाती पानी की अनुमति, औद्योगिक जल निकासी पर रोक
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