ब्रांडेड स्टोर्स पर फोन नंबर न दें , चैट जीपीटी लॉगऑउट करके यूज करें

by Carbonmedia
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मोबाइल पर आने वाले​ किसी भी संदिग्ध लिंक पर बिना जांचे क्लिक न करें। यह लिंक अकसर फ्रॉड का जरिया बनते हैं और आपकी निजी जानकारी चोरी कर सकते हैं। मॉल्स या ब्रांडेड स्टोर्स में बिना सोचे-समझे अपना मोबाइल नंबर देना भी आपकी साइबर सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। दरअसल, ठग इन नंबरों को आसानी से ट्रैक कर लेते हैं और अनुमान लगाते हैं कि महंगे ब्रांड्स के ग्राहक आर्थिक रूप से सक्षम हैं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि किसी भी अंजान वेबसाइट से शॉपिंग न करें, खासकर जिनका यूआई या नाम डाउटफुल लगे। पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करते समय कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें, क्योंकि यह नेटवर्क असुरक्षित होते हैं और आसानी से हैक किए जा सकते हैं। सुरक्षा के लिए पासवर्ड हमेशा स्ट्रॉन्ग रखें और हर 20 से 25 दिन में उसे बदलते रहें। किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें और रिपोर्ट दर्ज कराएं। ये जानकारी मंगलवार को एनसीसी ग्रुप मुख्यालय लुधियाना की ओर से 510 गर्ल्स कैडेट्स के लिए खालसा कॉलेज फॉर वुमन में चल रहे वार्षिक प्रशिक्षण शिविर-54 के दौरान एक ऑनलाइन साइबर सेफ्टी वर्कशॉप में दी। ये वर्कशॉप 3 पंजाब गर्ल्स बटालियन एनसीसी, लुधियाना द्वारा यूना​इटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन (यूएसआई), नई दिल्ली के सहयोग से की गई। कार्यक्रम ब्रिगेडियर पी.एस. चीमा, एसएम, वीएसएम, ग्रुप कमांडर एनसीसी ग्रुप मुख्यालय लुधियाना के मार्गदर्शन और मेजर जनरल जेएसके के निर्देशानुसार आयोजित हुआ। वन-व्यू फोटो भी सुरक्षित नहीं, शेयर करने से पहले सोचें, पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल भी असुरक्षित वर्कशॉप में खास बात ये रही कि अंत में एक सवाल-जवाब सत्र आयोजित किया गया, जिसमें कैडेट्स ने अपनी दिक्कतें और डिजिटल शंकाएं खुलकर रखीं। {ऑनलाइन गेम खेलते वक्त अकाउंट नंबर देना कितना सेफ है? -किसी भी जीत के लालच में अकाउंट नंबर देना गलत है। भले ही एक बार इनाम मिल जाए, लेकिन फ्रॉड करने वाले आपकी पूरी सेविंग उड़ा सकते हैं, इसलिए ऐसे गेम्स से दूरी बनाना ही बेहतर है। {चैट जीपीटी या अन्य एआई टूल्स के साथ अपनी जानकारी साझा करना सुरक्षित है? – लिमिटेड जानकारी शेयर करें। निजी जानकारी कभी भी साझा न करें। कोशिश करें कि लॉगइन न करें, लॉगआउट कर ही सर्च का इस्तेमाल करें। {वॉट्सएप के वन-व्यू फीचर से फोटो डिलीट हो जाती है क्या? – मोबाइल से वह फोटो भले डिलीट हो जाए, लेकिन अगर कोई स्क्रीनशॉट या दूसरे फोन से उसे क्लिक कर ले तो वह सुरक्षित नहीं रहती, इसलिए सोच-समझकर ही फोटो भेजें। { मेटा एआई या एलेक्सा जैसी वॉइस असिस्टेंट हमारी जानकारी कैसे लेती हैं? -यह डिवाइसेज हर समय एक्टिव रहती हैं। जब आप यूज नहीं भी कर रहे होते तब भी यह आपकी बातचीत सुन सकती हैं, इसलिए इन्हें सीमित तौर पर ही यूज करें।

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