रोड जालियां समय से साफ नहीं हुईं, अब 2 फीट तक जमा मिट्टी निकल रही

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज| लुधियाना भले ही नगर निगम ने मानसून को लेकर पूरी तैयारियां होने और शत-प्रतिशत रोड जालियां साफ करने के दावे किए हों, लेकिन हकीकत इसके उलट है। प्री मानसून की बारिश में पोल खुलने के बाद नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी हरकत में आए। इसके बाद शहर में रोड जालियां साफ होनी शुरू तो हुईं, लेकिन इसके अंदर से निकल रही मिट्‌टी व गंदगी यह बताने के लिए काफी है कि लंबे समय से रोड जालियां साफ नहीं की गईं। हाल ही में मानसून दस्तक दे चुका है। प्री मानसून की बारिश में ही शहर पानी से लबालब हो गया था। शहर के पॉश इलाकों में जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा था। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने मीटिंग की और कर्मचारियों को मानसून को लेकर तैयारियों में जुटने को निर्देशित किया। नालों की सफाई के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही रोड जालियां की सफाई की हिदायत दी गई लेकिन इसे कर्मचारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अब वेस्ट हलका से संजीव अरोड़ा विधायक बने हैं और उनके कैबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं हैं, ऐसे में मंगलवार को सुबह नगर निगम के कर्मचारी हरकत में आए। सुबह ही राजगुरुनगर में कर्मचारियों ने रोड जालियां की सफाई की। इसके अंदर से काफी मात्रा में मिट्टी निकली। रोड जालियां के अंदर करीब दो फीट तक मिट्‌टी भरने का अंदेशा है। नगर निगम की ओर से साफ-सफाई को लेकर जितनी तत्परता दिखाई जानी चाहिए थी, वह पहले नहीं दिखी। अब जब मानसून की आहट पर बारिश ने शहर की सड़कों को पानी-पानी कर दिया तब जाकर सिस्टम सक्रिय हुआ है। सफाई के दौरान निकली गंदगी इस बात की पुष्टि कर रही है कि रोड जालियों को लंबे समय से अनदेखा किया गया। राजगुरुनगर में सफाई के दौरान जो हालत सामने आए, अगर समय रहते कार्रवाई नहीं होती तो यही हालात पूरे शहर में गंभीर जलभराव की स्थिति बना सकते हैं। निगम के कर्मचारी अब बेशक सफाई में जुटे हैं लेकिन यह कार्रवाई समय से होती तो हालात इतने खराब न होते। सोमवार को देर रात को बारिश से शहर में 18 घंटे बीतने के बाद भी पानी भरा रहा । चंडीगढ़ रोड, हैबोवाल इलाका, धांधरा रोड आदि इलाकों में पानी की निकासी नहीं हो सकी, जिस कारण पानी सड़कों व खाली प्लॉटों में भरा रहा। यह हाल तब है जब नगर निगम की ओर से दावे किए जाते हैं कि शहर में पानी की निकासी के लिए पर्याप्त इंतजाम है, लेकिन प्री मानसून की बारिश ने निगम के दावों की पोल खोल दी थी। हर साल बारिश से पहले दावे किए जाते हैं कि नाले व रोड जालियां साफ कर दी गई हैं, लेकिन बारिश होते ही हकीकत सामने आ जाती है। कई इलाकों में लोग रातभर पानी निकालते रहे। जलभराव के कारण लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

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