र​थयात्रा के दौरान भक्तों के लिए जल और प्रसाद की जगह-जगह व्यवस्था की जाएगी

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | लुधियाना 27 जून को होने वाली भव्य भगवान जगन्नाथ रथयात्रा से पहले मंगलवार शाम को प्राचीन संगला वाला शिवाला से निकाली गई संध्या फेरी में जय जगन्नाथ जय जय राधा राधा, हरि ओम नमन, जगन्नाथ पर करो ध्यान, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो राधा रमण हरि गोविंद बोलो, तथा ऊं नमो भगवते वासुदेवाय जैसे चार भजनों से भक्तों ने भक्तिभाव से आत्मा को झंकृत कर दिया। इस भव्य फेरी का आयोजन इस्कॉन लुधियाना–कुरुक्षेत्र एवं भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव कमेटी ने संयुक्त रूप से किया, जिसमें सैकडों भक्तों ने भगवान जगन्नाथ की आरती उतार कर उत्साहपूर्वक प्रभु रथयात्रा का संदेश साझा किया। मुख्य आकर्षण रहा जब महंत नारायण पुरी जी ने कहा कि जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म के संगठन का प्रतीक है तथा यह समाज को एकजुट होने का संदेश देती है। उन्होंने संध्या फेरी में विशेष आशीर्वाद देते हुए भक्तों को आत्मशुद्धि एवं श्रीकृष्ण मैत्री का उपहार दिया। इस प्रकार, मंगलवार की संध्या फेरी में भजन-आरोहण, मार्ग परिसर की सजावट और भक्तों की आस्था ने 27 जून की विशाल रथयात्रा की तरफ विश्वास और ऊर्जा दोनों ही भर दी हैं। रथयात्रा कमेटी के चेयरमैन राजेश ढांडा, प्रधान सतीश गुप्ता और महासचिव एडवोकेट संजीव सूद बांका ने बताया कि इस रथयात्रा में सोने-चांदी के झाड़ू से मार्ग की सफाई, गंगाजल और सुगंधित इत्र युक्त जल से छिड़काव भी किया जाएगा। गौरतलब है कि 251 सौभाग्यशाली परिवारों को भगवान जगन्नाथ की प्रथम आरती करने का अवसर दिया जाएगा। राजेश ढांडा ने कहा कि रथयात्रा में देश-विदेश से आए इस्कॉन के वरिष्ठ भक्त, महाराज और आचार्य शामिल होंगे। उनका कहना था कि शुद्ध वैष्णव भक्तों के दर्शन मात्र से व्यक्ति के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और उनमें कृष्ण भक्ति व शुद्ध विचारों का संचार होता है। रथयात्रा महोत्सव में प्रत्येक भक्त के लिए भंडारा प्रसाद की विस्तृत व्यवस्था रहेगी। रास्ते में भक्तों के लिए जल–प्रसाद व आराम की सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं। महोत्सव कमेटी ने संध्या फेरी के दौरान मार्ग पर सुरक्षा व भक्ति माहौल बनाए रखने हेतु पर्याप्त भूमिका निभाई। भविष्य की रथयात्रा की तैयारी राजेश ढांडा ने रथयात्रा को केवल उत्सव नहीं बल्कि एक संगठित भक्ति–प्रेरणा यात्रा बताया। पूर्व की भक्ति फेरियों के अनुभवों पर आधारित सतत सुरक्षा, साफ–सफाई व भक्त-संयोजन की तैयारियों का भी उकेरते हुए बताया कि 27 जून की सुबह होने वाली श्री जगन्नाथ रथयात्रा में यह सब मनोभाव और अनुशासन से क्रियान्वित होगा।

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