आज असाढ़ माह की अमावस्या है और इसमें स्वार्थ सिद्धि का योग बन रहा है। जींद के पिंडारा में तीर्थ पर श्रद्धालु पहुंचे और स्नान के बाद पिंडदान किया। इस बार श्रद्धालुओं के लिए पितृ तर्पण को लेकर आषाढ़ अमावस्या बेहद खास है। आषाढ़ अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया हर कार्य सफल सिद्ध माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान और दान करते हैं। पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करते हैं। जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आए, इसे लेकर पुलिस कर्मियों और वॉलंटियर्स की ड्यूटियां लगाई गई हैं। अमावस्या तिथि को पितरों को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा व अर्चना करने का विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और साधक को उनकी कृपा प्राप्त होती है। पितृ दोष को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन स्नान कर जल में काले तिल मिला कर सूर्य देव को अघ्र्य दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। दान करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है : नवीन शास्त्री
पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि सुख व समृद्धि में वृद्धि के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करें। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह करने से पितरों की कृपा से जीवन खुशहाल होता है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं। आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और पितरों की पूजा अर्चना करें। साथ ही पितरों को अघ्र्य दें। इसके बाद कपड़े, धन, अन्न समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन इन चीजों का दान करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
असाढ़ अमावस्या आज, बन रहा स्वार्थ सिद्धि योग:जींद में पिंडारा तीर्थ पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लगाई आस्था की डुबकी, किया पितृ तर्पण
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