Teej 2025 Calendar: हरियाली तीज, कजरी तीज, हरतालिका तीज 2025 में कब ? नोट करें डेट

by Carbonmedia
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Teej 2025 Calendar: साल में तीज का त्योहार स्त्रियां बड़े धूमधाम से मनाती हैं. अखंड सौभाग्य के लिए तीज का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कुंवारी कन्या जहां ये व्रत अच्छे पति की कामना से करती हैं तो वहीं सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इस दिन अन्न-जल का त्याग करती हैं.
मान्यता है कि तीज का व्रत सुख, सौभाग्य, सफलता और समृद्धि प्रदान करता है. ऐसे में जो स्त्रियां तीज व्रत करती हैं वह 2025 में हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज की डेट जान लें.
हरियाली तीज 2025 (Hariyali Teej 2025)
सावन माह के शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज कहा जाता है. इस साल हरियाली तीज का त्योहार 27 जुलाई 2025 को है. हरियाली तीज नवविवाहित वधू मायके में मनाती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की मंगल कामना करती हैं. इस खास मौके पर महिलाएं मेहंदी लगाती है, पूजा-पाठ के बाद झूला झुलाती हैं, सावन के गीत गाती हैं.
महत्व – ये व्रत पति की दीर्धायु के लिए रखा जाता है, अविवाहिता इसे सुयोग्य वर पाने की कामना से करती हैं. इसमें शिव पार्वती की पूजा का विधान है. हरियाणा, चण्डीगढ़, दिल्ली, यूपी, राजस्थान में हरियाली तीज की रौनक खास होती है.
हरतालिका तीज 2025 (Hartalika Teej 2025)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाने वाली तीज हरतालिका तीज कहलाती है. इस साल हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को है. इस दिन सुहागिनें 24 घंटे का निर्जला व्रत कर शिव पार्वती की पूजा करती हैं. रात्रि जागरण करती हैं.
महत्व – संतान प्राप्ति, सुखी वैवाहिक जीवन और मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज व्रत अहम माना जाता है. ये मां पार्वती और शिव जी के मिलन का प्रतीक है. हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रुप में पाने के लिए किया था और सालों तक कठिन तपस्या की थी.
कजरी तीज 2025 (Kajari Teej 2025)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के तीसरे दिन कजरी तीज मनाई जाती है. कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी. कजरी या सातुड़ी तीज को कजली तीज और बड़ी तीज भी कहते है. कजरी तीज के व्रत में महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करतीं.
महत्व – इस व्रत को रखने का मुख्य उद्देश्य पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि की कामना करना है. इस व्रत में नीमड़ी माता, गणेश जी, गौरी-शंकर की पूजा का विधान है.
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