Shubhanshu Shukla Axiom-4: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ऐतिहासिक उड़ान के लिए रवाना हो गया है. इस मौके पर लखनऊ स्थित उनका घर, स्कूल और पूरा शहर गर्व से भर गया. अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुए भारतीय बेटे ने न केवल देश का सिर ऊंचा किया है, बल्कि अपने परिवार, शिक्षकों और स्कूल के बच्चों के सपनों को भी पंख दे दिए हैं. Axiom-4 मिशन का यह पल सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा भी है.
परिवार की आंखों में गर्वशुभांशु शुक्ला के परिवार में गर्व और खुशी का माहौल है. उनकी मां आशा शुक्ला ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए भावुक हो गईं. उन्होंने कहा, “हम अपनी भावनाओं को शब्दों में नहीं बयां कर सकते… हमें शुभांशु के लिए कोई डर नहीं है… हम बेहद खुश हैं, बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं.” शुभांशु शुक्ला की रवानगी पर उनकी मां आशा शुक्ला खुशी से भावुक हो गईं.इस ऐतिहासिक मौके को मनाने के लिए शुभांशु के माता-पिता स्कूल में छात्रों और शिक्षकों के साथ लाइव लॉन्च देखेंगे. स्कूल प्रबंधन ने इस मौके पर उनके स्वागत के लिए एक समारोहिक बैंड और खास सजावट की व्यवस्था की है.
वहीं, शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “यह उपलब्धि सिर्फ लखनऊ ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है. उनका मिशन आज दोपहर 12 बजे के आसपास लॉन्च होने वाला है. हम सभी बहुत उत्सुक हैं. यह पल हमारे लिए बहुत खास है. हमारा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है.”
#WATCH | Mother of IAF Group Captain & astronaut Shubhanshu Shukla, Asha Shukla says, “…We cannot describe this in words…We are not scared (for Group Captain Shubhanshu Shukla) at all…We are delighted, we are very proud.” https://t.co/WxV35EmuNB pic.twitter.com/CfIRHsfuRE
— ANI (@ANI) June 25, 2025
पत्नी कामना के लिए भावुक संदेशअंतरिक्ष में कदम रखने से पहले शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने पत्नी कामना को खास धन्यवाद दिया. “25 जून की सुबह जब हम धरती छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं जो इस मिशन से जुड़े हैं, और अपने देशवासियों का भी जिनका आशीर्वाद और प्यार हमेशा साथ रहा. खासकर कामना को- तुम्हारे बिना यह संभव नहीं होता और इससे भी ज्यादा, यह सब मायने नहीं रखता.” उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह और उनकी पत्नी एक कांच की दीवार के दोनों ओर खड़े होकर विदाई के पल को साझा कर रहे हैं.
स्कूल बना ‘मिनी मिशन कंट्रोल सेंटर’, बच्चों ने बनाए स्पेस मॉडललखनऊ स्थित शुभांशु का स्कूल इस ऐतिहासिक पल को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. स्कूल में एक ‘मिनी मिशन कंट्रोल सेंटर’ तैयार किया गया है, जहां बच्चों को अंतरिक्ष नियंत्रण केंद्र जैसा अनुभव दिया जा रहा है. स्कूल मैनेजर गीता गांधी ने मिशन कंट्रोल से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर बच्चों को जानकारी दी.
स्कूल की प्रिंसिपल शिवानी सिंह, मैथ्स टीचर नागेश्वर प्रसाद शुक्ला और सीनियर प्रिंसिपल ज्योति कश्यप ने शुभांशु से जुड़ी यादें ABP न्यूज़ के साथ साझा कीं. बच्चों ने अंतरिक्ष से जुड़े कई मॉडल भी बनाए और मीडिया के साथ उनका विवरण साझा करते हुए गर्व और उत्साह जाहिर किया.भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्यायशुभांशु शुक्ला अब भारत के पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचेंगे. 1984 में राकेश शर्मा के बाद यह भारत की दूसरी मानवीय उड़ान है और पहली बार एक भारतीय Axiom मिशन के जरिए निजी साझेदारी के तहत ISS तक जाएगा. यह मिशन सिर्फ वैज्ञानिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना से भी भरा हुआ है. भारत के कोने-कोने से शुभांशु को शुभकामनाएं मिल रही हैं.