Etawah News: इटावा में कथावाचक की पिटाई के मामले में जहां एक तरफ सियासत शुरू हो चुकी है,वहीं धर्माचार्य, शंकराचार्य के साथ-साथ काशी के संत समाज ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले की जांच करने की अपील की है. उनका कहना है कि इसकी आड़ में प्रदेश को जलाने की साजिश रही, वहीं जिन लोगों ने भी संविधान का उल्लंघन किया है उन्हें कड़ी सजा देने की भी मांग की है.
इस मामले में यादव समाज के कथावाचकों के साथ मारपीट की गई जिसमें यादव जाति के भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि और उनके सहायक संत कुमार यादव की पिटाई और उनकी चोटी काटकर अपमान किया गया है. जिसके बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.
संत समिति ने क्या कहा?अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने ABP News से बातचीत में कहा की इटावा से जुड़ा एक मामला प्रकाश में आया है. सबसे पहले तो जिसने भी कानून का उल्लंघन किया है, मारपीट की है उसे भारतीय संविधान के तहत सजा दी जानी चाहिए. लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. भारत में अनेक गैर ब्राह्मण कथा वाचक रहे हैं जिसमें वाल्मीकि से लेकर कबीरदास, और आज भी अनेक ऐसे कथावाचक हैं जो अलग-अलग जातियों से हैं.
लेकिन जाति के आधार पर कथावाचक में भेदभाव नहीं हुआ. समाज ने सभी को स्वीकारा है. जबकि इस प्रकरण में कथा वाचक द्वारा अपनी जाति क्यों छुपाई जाती है और पहले वह बौद्ध कथा कहते थे फिर भागवत कथा कहते हैं, यह क्या दर्शाता है. हकीकत तो यह है कि जातिवाद की आड़ में उत्तर प्रदेश को जलाने की साजिश समझ में आ रही है.
मुख्यमंत्री से की मांग फिलहाल इस मामले पर संत समिति का कहना है कि इटावा कथावाचक से जुड़े प्रकरण में दोनों पक्ष के विषय को गंभीरता से लेते हुए जांच की जानी चाहिए. इसके पीछे प्रमुख वजह यह है कि अचानक से समाजवादी पार्टी का इस मामले में सक्रिय हो जाना, अथवा जाति विषय को लेकर समाज को भ्रमित करना यह कुछ और इशारा कर रहा है. इससे पहले भी कौशांबी की घटना देखी गई जहां पर दो जाति को आमने-सामने कर दिया गया था.
Etawah News: इटावा में कथावाचक से पिटाई के मामले में काशी संत समाज ने दी प्रतिक्रिया कहा- उत्तर प्रदेश को जलाने….
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