Ashadha Purnima 2025: पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह का नाम पूर्णिमा तिथि पर उस नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है, जिसमें चंद्रमा स्थित होता है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के आखिरी दिन चंद्रमा पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में होता है इसलिए इसे आषाढ़ पूर्णिमा कहा जाता है.
इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं. आषाढ़ पूर्णिमा 2025 में कब है आइए जानते हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा 2025 डेट
आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को है.आषाढ़ पूर्णिमा व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ व्रत पूजन करने पर इपापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन महाभारत लिखने वाले वेद व्यास का जन्म हुआ था. वेद व्यास ने वेदों की रचना भी की थी, जिसने सभी के जीवन को आलोकित किया है.
आषाढ़ पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को प्रात: 1.36 मिनट से शुरू होकर 11 जुलाई को 2.06 मिनट तक रहेगी. इस दिन स्नान दान और गुरुजन का पूजन किया जाता है.
स्नान-दान मुहूर्त – 4.10 – सुबह 4.50
गुरु पूर्णिमा मुहूर्त – सुबह 10.43 – दोपहर 2.10
चंद्रोदय मुहूर्त – रात 7.20
आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि
सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें. भगवान विष्णु के रूप सत्यनारायण भगवान की पूजा करें और उनके अनेक नामों का जाप करें.
फूल, दीप, धूप, दीप, खीर का भोग लगाएं. वस्त्र, भोजन आदि ब्राह्मणों को दान कर दें.
इस व्रत को रखने वाले भक्त इस दिन गायों की पूजा करते हैं, उनका आशीर्वाद लेते हैं.
पूर्णिमा के दिन रात को चंद्रमा की पूजा का विधान है, इससे मानसिक शांति मिलती है. इस दिन चंद्रमा को जल में दूध डालकर अर्घ्य दें.
आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरुओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. इससे जीवन में कभी अंधकार का मुंह नहीं देखना पड़ता है. गुरुजन को कुछ भेंट करें.
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