जींद जिले के उचाना में सर्वजातीय खेड़ा खाप के कसूहन चबूतरे पर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता खाप प्रधान सतबीर शर्मा ने की। उन्होंने स्पष्ट किया कि 29 जून को होने वाली कथित बैठक खाप द्वारा नहीं बुलाई गई है। गांव खेड़ा खाप का हिस्सा नहीं सतबीर शर्मा ने बताया कि उन्हें यह जिम्मेदारी 20 वर्ष पूर्व अपने पिता से मिली थी। उन्होंने कहा कि कसूहन गांव में स्थित खाप का चबूतरा परंपरागत रूप से प्रधान के चयन का केंद्र रहा है। उन्होंने बरसोला के सतबीर पहलवान पर आरोप लगाया कि वह स्वयं को खाप का प्रधान घोषित कर रहे हैं, जबकि उनका गांव खेड़ा खाप का हिस्सा भी नहीं है। गोत्र या धर्म का कोई भेदभाव नहीं सुखपाल बड़ौदा ने विवाद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कसूहन का चबूतरा सर्वजातीय है। यहां जाति, गोत्र या धर्म का कोई भेदभाव नहीं किया जाता। उन्होंने स्पष्ट किया कि सतबीर पहलवान का गांव बारह खाप के अंतर्गत आता है। यदि सतबीर पहलवान को प्रधान बनना है, तो पहले उन्हें अपना गांव बारह खाप से अलग कर खेड़ा खाप में शामिल करवाना होगा। इसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जा सकती है। 2016 में चुना था खेड़ा खाप का प्रधान सतबीर पहलवान ने कहा कि 29 जून को जो मीटिंग बुलाई गई है वो होगी। मैं खुद प्रधान नहीं बना हूं, बल्कि 2016 में कसूहन में ही प्रधान खेड़ा खाप का चुना गया था। इससे पहले खाप के महासचिव के पद भी उनके पास था। सतबीर पहलवान ने कहा कि 29 जून को जो मीटिंग बुलाई गई है, वो होगी। मैं खुद प्रधान नहीं बना हूं, बल्कि 2016 में कसूहन में ही प्रधान खेड़ा खाप का चुना गया था। इससे पहले खाप के महासचिव के पद भी उनके पास था।
उचाना में खेड़ा खाप में प्रधानी को लेकर विवाद:सतबीर शर्मा बोले-29 जून की बैठक अवैध, कसूहन का चबूतरा सर्वजातीय
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