नगर निगम बोर्ड 72 घंटे से पहले आने प्रस्तावों को ही एफएंडसीसी मीटिंग में शामिल करेगा जबकि ऑनटेबल प्रस्तावों को प्राथमिकता नहीं मिलेगी। ऐसे प्रस्तावों को बाद में मंजूरी मिलेगी। निगम जल्द ही इस पर निर्णय ले सकता है। इसका कारण यह है कि पिछले दो महीने में नगर निगम बोर्ड के पास पहुंचे प्रस्तावों की संख्या 1072 पहुंच चुकी है जिसमें 250 से अधिक सप्लीमेंटरी प्रस्ताव हैं। जनवरी में नगर निगम बोर्ड गठित हो चुका है। इसके बाद लगातार एफएंडसीसी और निगम बोर्ड की बैठक हो चुकी है। निगम प्रबंधन की ओर से काउंसलरों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इसमें प्रस्तावों की संख्या 1072 तक पहुंच चुकी है जिसमें 250 से अधिक प्रस्ताव मीटिंग के दौरान सामने आए। ऐसे में कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली है जबकि कुछ प्रस्तावों को मंजूरी का इंतजार है। कुछ प्रस्ताव निगम की ओर से बनी कमेटी के पास हैं जिनकी जांच के बाद ही उन्हें एप्रूवल मिलेगी। सूत्रों की मानें तो नगर निगम मीटिंग में पहले उन प्रस्तावों को मंजूरी देगा जो 72 घंटे पहले कमेटी के पास आएंगे। इन प्रस्तावों को पढ़ने व समझने में भी समय लगता है। ऐसे में ऑनटेबल आने वाले प्रस्तावांे को बाद में मंजूरी देने पर विचार किया जा रहा है। अब चुनाव समाप्त हो चुके हैं जिस पर जल्द बड़ा निर्णय हो सकता है। नगर निगम बोर्ड बनने के बाद पार्षदों के काम नहीं होने से आक्रोश पनप रहा है। हाल ही में आप के एक पार्षद का ऑडियो जारी हुआ था जिसमें उन्होंने उनके द्वारा दिए गए प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिलने पर विरोध जताया था। कहा था कि सड़क मरम्मत समेत कई कार्य नहीं हुए हैं जिनके प्रस्ताव कमेटी की जांच के नाम पर रोके गए हैं। इसके बाद आप नेताओं ने पार्षद से वार्ता कर उन्हें मनाने की कोशिश की है। वहीं भाजपा कांग्रेस के पार्षदों ने भी काम नहीं होने पर आक्रोश जताया है। प्रमुख प्रस्ताव पेंडिंग
72 घंटे से पहले आए प्रस्ताव ही निगम बोर्ड मीटिंग में शामिल होंगे
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