राजस्थान इंटेलीजेंस के द्वारा जासूसी के आरोप में गिरफ्तार नौसेना भवन दिल्ली में तैनात यूडीसी विशाल यादव के खाते में डढे लाख रुपए की ट्रांजेक्शन मिली है। हर जानकारी के लिए उसे 5 से 10 हजार रुपए दिए जा रहे थे। लेकिन ऑपरेशन सिंदुर के समय उसे 50 हजार रुपए की बड़ी रकम अकाउंट में मिली। रेवाड़ी के पुंसिका गांव निवासी विशाल का परिवार फिलहाल रेवाड़ी शहर की उत्तम नगर कालोनी में रहता है। विशाल यादव के पिता सुनील यादव हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर रहे हैं। जिनकी 12 साल पहले रोहड़ाई गांव के पास सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। विशाल के चाचा अनिल व सुशील भी हरियाणा पुलिस में रहे हैं। अनिल भी एएसआई के पद से वीआरएस ले चुके हैं। वहीं सुशील यादव एएसआई के पद पर फिलहाल सेवाएं दे रहे हैं। 2 बच्चों का पिता विशाल यादव के 2 बच्चे हैं। जिनमें बेटी बड़ी व बेटा छाटा है। विशाल की पत्नी सनाया फिलहाल बच्चों के साथ मायके में गई हुई है। वर्तमान में घर पर विशाल की मां अकेली रहती है। विशाल की गिरफ्तारी का पता उन्हें 24 जून को लगा है। उसके बाद वे सदमे के कारण घर से बाहर नहीं आ पा रही हैं। 16 जून को हिरासत में लेने का दावा राजस्थान इंटेलीजेंस ने विशाल यादव का दिल्ली से निकलते ही पीछा करना शुरू कर दिया था। जब वह मानेसर पहुंचा ताे इंटेलीजेंस ने उसकी गाड़ी रोकी और उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। विशाल यादव की गाड़ी को मानेसर में एक मेडिकल स्टोर के बाहर खड़ी करवा दी। उसके बाद टीम उसे साथ ले गई। ऐसा दावा विशाल यादव के परिवार द्वारा किया गया है। 22 जून को आया चचेरे भाई के पास कॉल 16 जून को दिल्ली से घर के लिए निकले विशाल की कोई जानकारी परिवार को नहीं लग रही थी। फिर अचानक से 22 जून को चचेरे भाई के पास कॉल आई की वह 2 दिन में आ जाएगा, कहीं बाहर घूमने गया है। उसके बाद परिवार एक्टिव हुआ और पुलिस से उसका फोन सर्विलांस पर लगवाया। लॉस्ट लोकेशन मानेसर की मिली। जिसके बाद परिवार मानेसर पहुंचा तो वहां उसकी गाड़ी मिली। बुलेरो के नंबर से पहुंचे जयपुर राजस्थान इंटेलीजेंस की जिस गाड़ी से टीम विशाल को उठाने के लिए आई थी, उसका नंबर किसी ने नोट किया था। उस नंबर का जब रजिस्ट्रेशन विशाल के परिवार ने चेक करवाया तो वो एसपी इंटेलीजेंस जयपुर का मिला। उसके बाद विशाल के चाचा 24 जून को जयपुर पहुंचे। जहां पर उन्होंने एसपी इंटेलीजेंस से बात की। पुलिस ने दिखाए सुबूत जयपुर इंटेलीजेंस कार्यालय में जब विशाल के चाचा अनिल ने गिरफ्तारी का कारण पूछा तो उन्हें विशाल के खाते में पाकिस्तान से हुई ट्रांजेक्शन दिखाई गई। इसके अलावा पाकिस्तानी हैंडलर के साथ हुई चैट के बोर में भी दिखाया गया। फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉटसऐप के अलावा दूसरी सोशल साइटस पर विशाल ने चैटिंग की थी। कैसे आया रॅडार पर विशाल यादव साल 2022 में जासूसी के आरोपी में प्रिया नाम की आईडी से बातचीत करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जब प्रिया शर्मा का अकाउंट खंगाला गया तो उसमें विशाल यादव भी फ्रेंड मिला। विशाल यादव की प्रोफाइल चेक किया गया तो वह नौसेना मुख्यालय का क्लर्क निकला। इंटेलीजेंस ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया। ऑपरेशन सिंदुर के बाद बड़ी ट्रांजेक्शन से शक पुख्ता विशाल यादव पर जांच एजेंसियां नजर रखे हुए थी। अचानक से ऑपरेशन सिंदुर के दौरान जब 50 हजार रुपए का बड़ा ट्रांजेक्शन वैरिफाई हुआ तो पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। उसके फोन की फोरेसिंक जांच हुई तो उसमें लेन-देन और सामरिक सूचना पाकिस्तान भेजने की पुष्टि हुई है। पड़ोस में ही रहते हैं चाचा उत्तम नगर निवासी विशाल चाचा रिटायर्ड एएसआई अनिल भी उनके पड़ोस में ही रहते हैं। अनिल ने पूरे मामले को लेकर कहा कि इंटेलीजेंस का कुछ तो मिला होगा, इसलिए ही उठाया है। जांच के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी। अगर विशाल सही होगा तो कोई दिक्कत नहीं है, अगर कुछ रोल होगा तो कानून अपना काम करेगा। मर्चेंट नेवी में था चचेरा भाई, 2018 में गायब विशाल यादव के चाचा अनिल यादव के बेटे ने भी मर्चेंट नेवी ज्वाइन किया था। साल 2018 में वह मलेशिया से गायब हो गया था, जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। बताया जा रहा है कि उसे ट्रिप पर रेवाड़ी शहर के विकास नगर निवासी विशाल नाम के युवक ने ही ट्रिप पर भेजा था।
विशाल के अकाउंट में पाकिस्तान से आए डेढ लाख रुपए:फेसबुक व इंस्टाग्राम पर चैट, 2 बच्चों का पिता, पुलिस में थे विशाल के पिता
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