पानीपत में सुप्रीम-हाईकोर्ट के आदेशों की सरेआम उड़ रही धज्जियां:नेशनल हाइवे पर अवैध होर्डिग्स की भरमार; ठेकेदारों ने 15वीं बार दी अधिकारियों को शिकायत

by Carbonmedia
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हरियाणा के पानीपत में सुप्रीम कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। नेशनल हाईवे 44 पर पानीपत की सीमा में सरेआम अवैध होर्डिग्स लगे हुए हैं। इन होर्डिग्स को हटाने के लिए न्यायालय कई बार आदेश दे चुका है। लेकिन, जिला प्रशासन इस पर सख्ती नहीं बरत रहा। ठेकेदार भी लगातार अपील कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन न्यायालय के आदेशों की और ठेकेदारों की अपील को दरकिनार कर रहा है। परेशान होकर ठेकेदारों ने गुरुवार 26 जून को समाधान शिविर में 15वीं बार शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। एक लाख से डेढ लाख एक बोर्ड का है किराया क्वांटम आउटडोर फर्म के मालिक अमित ने दी शिकायत में बताया कि उन्होंने नगर निगम के अंदर विज्ञापन के बोर्ड लगाने का टेंडर बोली में लिया हुआ है। नई नई विज्ञापन पॉलिसी के अनुसार उनकी विज्ञापन फर्म द्वारा पानीपत नगर निगम में एक-एक विज्ञापन बोर्ड का किराया 1 लाख रुपए से लेकर डेढ लाख प्रतिमाह नगर निगम को एडवांस में दिया जाता है। लेकिन नगर निगम के क्षेत्र के बाहर बिना टेंडर के बहुत से विज्ञापन बोर्ड अवैध रूप से फ्री में लगे हुए है। जिनको उतारने के लिए फर्म द्वारा पहले भी कई बार डीसी, जन समाधान शिविर में, सीएम विंडो पर व डीटीपी को इन अवैध विज्ञापन बोर्डों को उतारने के लिए शिकायत की हुई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिस वजह से साइट खाली पड़ी रहती है और फर्म को काफी आर्थिक नुकसान हो रही है। निगम को हर साल 5 करोड़ का रेवेन्यू लॉस ये अवैध विज्ञापन पिछले कई सालों से अलग-अलग विज्ञापन फर्मों द्वारा व अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं द्वारा, विज्ञापन माफियाओं द्वारा लगातार लगते आ रहे है और अभी भी पानीपत जीटी रोड पर हल्दाना बोर्डर से लेकर गांव गांजबड़ तक, समालखा नगर पालिका के अंदर, मतलौडा व इसराना से पानीपत तक दोनों तरफ रोड पर करीब 250 अवैध विज्ञापन बोर्ड के अवैध रूप से लगे हुए हैं। इन अवैध विज्ञापन बोर्ड के लगने की वजह से पानीपत नगर निगम को भी हर साल कम से कम 4 से 5 करोड़ रुपए का रेवेन्यू का नुकसान होता जा रहा है। क्योंकि इन अवैध विज्ञापन बोर्ड के फ्री में लगे रहने की वजह से न तो कोई भी विज्ञापन फर्म समालखा में विज्ञापन का टैंडर लेना चाहती है और न ही पानीपत नगर निगम में विज्ञापन का कार्य लेना चाहती है। इन अवैध विज्ञापन बोर्ड की वजह से ही पानीपत नगर निगम में दो विज्ञापन फर्मों ने बीच में ही विज्ञापन का कार्य छोड़ दिया है।

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