Noida News: नोएडा के मेट्रो अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर के पद पर तैनात कर्मचारी ने अपने साथी के साथ मिलकर अस्पताल के खातों की जानकारी में फर्जीवाड़ा करते हुए 9 करोड़ रुपये की बड़ी साइबर ठगी को अंजाम दिया. मामले में नोएडा साइबर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान वैभव कुमार और अंकुर त्यागी के रूप में हुई है. पुलिस ने इन आरोपियो को गाजियाबाद से दबोचा है.
एडिशनल डीसीपी साइबर मनीषा सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी वैभव कुमार अस्पताल में कार्यरत था और उसने साथी अंकुर त्यागी के साथ मिलकर मेट्रो अस्पताल की अधिकृत ईमेल आईडी से दिल्ली नगर निगम (MCD) को एक फर्जी मेल भेजा. इस मेल में अस्पताल के असली खाते की जगह तीन नए फर्जी बैंक अकाउंट नंबर भेजे गए, जिनमें केशलेस स्कीम के तहत मरीजों के बिल भुगतान की राशि ट्रांसफर करने की बात कही गई.
फर्जी खातों में भेजे गए बिल के पैसेMCD की ओर से विश्वास करते हुए उन्हीं फर्जी खातों में मरीजों की मेडिकल बिल राशि भेज दी गई, जो बाद में वैभव और उसके सहयोगियों द्वारा निकाल ली गई और आपस में बांट ली गई. ठगी के इस नेटवर्क में शुभम नामक एक और व्यक्ति शामिल था, जिसने फर्जी बैंक अकाउंट उपलब्ध कराए थे.
फिलहाल पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. और आरोपी को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है. पुलिस ने आरोपियों के पास से ₹77,330 नकद, एक iPhone 15 Pro और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं.
आरोपी ने क्या बतायापुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी से पूछताछ की गई जिसमें आरोपी वैभव ने बताया कि वह पहले दिल्ली के कड़कड़डूमा क्षेत्र के एक अस्पताल में कार्यरत था, जहां उसकी मुलाकात विजय कुमार अग्रवाल और अंकुर त्यागी से हुई थी. वहीं से इस ठगी की योजना बनी.
तीन अलग-अलग बैंक खातों में कई ट्रांजैक्शनों के जरिये कुल करीब ₹9 करोड़ की रकम ट्रांसफर कराई गई. पुलिस ने इन खातों की जांच शुरू कर दी है और अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है. मामले में और भी बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है.
Noida News: मेट्रो अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर और उसके साथी ने लगाया करोड़ों रुपये का चूना, दो गिरफ्तार
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