अमृतसर | 43 साल की सुनीता जमगड़े पाकिस्तान के एक ऑनलाइन पादरी से मिलने के लिए कारगिल के रास्ते बॉर्डर पार कर गई। वह नागपुर से अपने 15 साल के बेटे के साथ छुट्टियां मनाने के बहाने कारगिल पहुंची थी। 10 मई को कारगिल के हुंदरमान गांव के पास से उसने एलओसी पार की। बेटा गांव में ही रह गया। सुनीता के लापता होने के बाद स्थानीय लोगों ने उसके बेटे को पुलिस को सौंपा। उसे कारगिल के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की निगरानी में रखा गया है। पाकिस्तान में घुसने के कुछ दिन बाद ही पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने सुनीता को पकड़ लिया। दो बार पहले भी पाक जाने की कोशिश की.. महिला के पकड़े जाने पर उसके परिवार ने बताया कि सुनीता को कई साल पहले ऑनलाइन पादरी से दोस्ती हुई थी। पुलिस के मुताबिक, सुनीता पहले दो बार अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन बीएसएफ ने रोक दिया था। ये तीसरी बार थी जब वह सीमा पार करने में सफल रही। अस्पताल में नर्स थी महिला: सूत्रों के अनुसार, सुनीता नागपुर के एक अस्पताल में नर्स रह चुकी है और वह पाकिस्तान के एक ईसाई पादरी से ऑनलाइन संपर्क में थी। इसी से मिलने के लिए उसने ये कदम उठाया। सुनीता की इस हरकत से भारतीय खुफिया एजेंसियां भी हैरान हैं कि वह कैसे इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद एलओसी पार कर गई। खासकर उस समय जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे बड़े अभियान चलाए और एलओसी पर फौज की भारी तैनाती थी।
पादरी से मिलने कारगिल से बॉर्डर क्रॉस कर पाक पहुंची नागपुर की महिला, पाक रेंजर्स ने लौटाई
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