Kondagaon News: नियमितिकरण की मांग को लेकर चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ उग्र हो गए हैं. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने पदयात्रा के साथ अपना आंदोलन दोबारा शुरू कर दिया है. कोण्डागांव जिले के बनियगांव से पदयात्रा कर राजधानी रायपुर जा रहे कर्मचारियों के साथ दिव्यांग कर्मचारी और महिलाये भी अपने छोटे बच्चों के साथ 300 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकलीं.
दो माह पहले 1 मई से जगदलपुर से कर्मचारियों ने पदयात्रा शुरू की थी, उस वक्त अधिकारियों ने एक माह का समय मांगते हुए आश्वासन देकर पदयात्रा को बनियगांव में रुकवाया था. दो माह बीत जाने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर अब कर्मचारियों का दल राजधानी की ओर पैदल मार्च पर निकल गया, जहां वे अपनी मांगों को उच्च अधिकारियों और सीएम के सामने रखेंगे.
जगदलपुर से पैदल निकले कर्मचारियों के साथ कोंडागांव और नारायणपुर जिले के कर्मचारी भी शामिल हुए हैं. गौरतलब है कि बस्तर जिला स्कूल, आश्रम, छात्रावास शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने इस आंदोलन को दोबारा शुरू किया है.
दोबारा शुरू की गई है आंदोलन
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के सदस्य आत्मानंद मौर्य ने बताया कि यह पदयात्रा बीते 1 मई को जगदलपुर से शुरू हुई थी, जिसमें अलग-अलग जिलों और गांवों से कर्मचारी शामिल होते गए. 2 अप्रैल को यह यात्रा कोंडागांव जिले के बनियागांव तक पहुंची, इस बीच विभागीय अधिकारियों ने उनसे लगातार संपर्क कर मांगे पूरी करने का आश्वसन दिया, जिसके बाद 2 अप्रैल को पदयात्रा बनियगांव में स्थगित की गई.
आत्मानंद मौर्य ने कहा कि आश्वासन मिलने के बाद कई बार अधिकारियों से मिलने के बावजूद सिर्फ आश्वासन मिला, कार्रवाई कुछ नहीं हुई, जिसके बाद बीते 20 जून को एक बार फिर अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद कोई संतोषजनक जवाब नही मिलने के चलते 24 जून से बनियगांव से पुनः पदयात्रा शुरू की गई है जो रायपुर विधानसभा घेराव तक जारी रहेगी.
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बच्चों को गोद मे लेकर बस्तर से रायपुर तक पदयात्रा, क्या है चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की मांग?
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