फतेहाबाद में वेयर हाउस के जिला मैनेजर (DM) रहे डीके पांडे पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया है। यह केस ब्यूरो के हिसार स्थित थाने में दर्ज हुआ है। डीएम की शिकायत साल 2024 में रतिया के राइस मिल संचालक द्वारा की गई शिकायत पर की गई है। इस संबंध में मिल संचालक ने ठोस सबूतों सहित शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपी। प्रारंभिक जांच के बाद ब्यूरो ने केस को उचित मानते हुए डीके पांडे के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। एफआईआर की पुष्टि एसीबी के डीएसपी जुगल किशोर ने की है। पांच रुपए प्रति क्विंटल मांगी थी रिश्वत एंटी करप्शन ब्यूरो के डायरेक्टर को भेजी गई शिकायत में रतिया के गांव लांबा स्थित वर्धमान राइस मिल के संचालक शुभम बंसल ने की थी। शुभम ने बताया था कि हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन की धान (पैडी) मिलिंग के लिए लगी थी। उनकी धान की मिलिंग को लेकर तत्कालीन डीएम डीके पांडे द्वारा पांच रुपए प्रति क्विंटल की रिश्वत मांगी गई थी। पैसे नहीं देने पर वह लगातार ब्लैकमेल करता रहा। इससे परेशान होकर उसने 24 दिसंबर 2024 को एमडी को डीके पांडे के बारे में शिकायत की। पांडे सीएमआर के लिए तिरपाल व बारदाना भी नहीं दे रहा था। उसकी शिकायत पर एमडी ने समाधान करवा दिया। रिश्वत मांगने की कर ली थी रिकॉर्डिंग शुभम ने बताया कि पांच रुपए प्रति क्विंटल रिश्वत मांगने की उन्होंने रिकॉर्डिंग कर ली थी। रतिया में इसका एक दलाल था, जो इसके लिए काम करता था। डीएम उसी दलाल के माध्यम से धमकी दिलाता रहा। दलाल कहता था कि यदि आप पैसे नहीं दोगे तो आपके एफसीआई में लगने वाले माल के चक्कों की शिकायत होगी। उसी दलाल ने उसकी एफसीआई में शिकायत भी की। जो गलत मिलने पर खारिज हो गई। इसके बाद उसी दलाल ने रतिया थाना में भी उससे रुपए लेने के बारे में उसकी शिकायत की। फिर डीएफएससी फतेहाबाद भी शिकायत दी। ये शिकायतें भी गलत पाई गई। उसने आरोप लगाया था कि यह दलाल और तत्कालीन डीएम डीके पांडे ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया।
फतेहाबाद में वेयर हाउस के पूर्व DM पर हुई FIR:हिसार के ACB थाने में केस दर्ज, मिल संचालक ने लगाए थे आरोप
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