सोनीपत के एडीसी कार्यालय परिसर में अनोखा प्रदर्शन किया गया। जिला परिषद की बैठक से पहले जिला पार्षद संजय बड़वासनिया के नेतृत्व में कई पार्षदों ने भेड़ों के आगे बीन बजाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भेडों को भी बैठक में ले जाने की जिद पर पार्षद अड़े रहे। लेकिन एंट्री नहीं दी गई। पार्षदों और पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध किया। पार्षदों ने कहा कि पंचायती राज में जिला परिषद सबसे बड़ी संस्था होते हुए भी उन्हें विकास कार्यों के लिए कोई स्वतंत्र बजट नहीं मिलता। प्रदर्शन के दौरान संजय बड़वासनिया ने कहा कि हरियाणा में जिला पार्षद केवल नाम के रह गए हैं। उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की जिला परिषदों को कहीं अधिक अधिकार और बजट प्राप्त है। ऐसे में हरियाणा के पार्षदों के लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो जिला परिषद जैसी संस्था को समाप्त कर दिया जाए या फिर हर पार्षद को सालाना एक करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की जाए, ताकि वे अपने-अपने वार्ड में जनहित के कार्य सुचारू रूप से करवा सकें। बैठक स्थल तक पहुंचने से रोका, गेट पर ही जताया विरोध प्रदर्शन के दौरान संजय बड़वासनिया और उनके साथ मौजूद अन्य पार्षद बैठक स्थल तक भेड़ों के साथ पहुंचना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें एडीसी कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया। इसके बाद केवल पार्षदों को ही भीतर प्रवेश की अनुमति दी गई, जबकि अन्य प्रदर्शनकारी बाहर ही रहकर विरोध जताते रहे। संजय बड़वासनिया ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका संघर्ष इसी प्रकार जारी रहेगा।
सोनीपत में भेड़ों के आगे पार्षद ने बजाई बीन:गेट पर रोका प्रदर्शन; पार्षदों के अधिकार की मांग को लेकर जताया विरोध
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