Ashadha Vinayak Chaturthi 2025: हर मांगलिक काम और देवी-देवताओं की पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है इसलिए, श्रीगणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है. गणपति जी की पूजा विनायक चतुर्थी के दिन बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. गणपति की कृपा से सारे दुख दूर होते हैं. विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की उपासना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. इस साल आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी 2025 कब है.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2025 डेट
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी इस बार कुछ विशेष संयोगों के साथ आई है. इस शुभ घड़ी में गणपति की पूजा करने का फल चार गुना ज्यादा हो सकता है. इस साल आषाढ़ विनायक चतुर्थी 28 जून 2025 शनिवार को है.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2025 मुहूर्त
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिति 28 जून को सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और 29 जून को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा.
इस दिन पूजा के लिए 2 घंटे 47 मिनट का समय मिलेगा. पूजा मुहूर्त सुबह 11.01 से दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
रवि योग – सुबह 6.35 – सुबह 5.25, 29 जून
भद्रा काल – रात 9.28 – सुबह 5.26, 29 जून (गणपति पूजा के समय भद्रा नहीं है)
विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त
सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें.
उसके बाद भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं.
उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें तथा ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें और धूप दीप अर्पण करें.
दोपहर पूजन के समय अपने घर मे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें.
संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक बच्चों के बाट दें.
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