ट्रंप स्मार्टफोन ने लोगों को दिया बड़ा धोखा? T1 फोन में गड़बड़ी, जानिए क्या है सच्चाई

by Carbonmedia
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डोनाल्ड ट्रंप के ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने हाल ही में एक नया स्मार्टफोन T1 लॉन्च किया, जिसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर टेक जगत में काफी चर्चा रही. शुरुआत में इस फोन को ‘मेड इन यूएसए’ बताकर पेश किया गया था, लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है, उससे कई लोगों को झटका लग सकता है.
फोन की आधिकारिक वेबसाइट से ‘मेड इन अमेरिका’ वाला टैग चुपचाप हटा दिया गया है. उसकी जगह अब एक नया स्लोगन देखने को मिल रहा है – प्रीमियम परफॉर्मेंस, प्राउडली अमेरिकन. इस नए टैगलाइन से यह संकेत मिल रहा है कि शायद फोन अमेरिका में बना ही न हो, सिर्फ वहीं डिजाइन किया गया हो.
स्पेसिफिकेशंस में बदलाव से मचा हंगामा
शुरुआत में यह दावा किया गया था कि T1 फोन में 6.78 इंच का AMOLED डिस्प्ले मिलेगा. लेकिन अब वेबसाइट पर जाकर देखने पर पता चलता है कि डिस्प्ले का साइज घटाकर 6.25 इंच कर दिया गया है. यानी जो चीज पहले बताई गई थी, वह अब बदल दी गई है.
इसी तरह रैम को लेकर भी पहले कहा गया था कि फोन में 12GB रैम होगी. मगर अब रैम का कोई जिक्र वेबसाइट पर नजर नहीं आता. इससे लोगों में यह शक गहराता जा रहा है कि क्या यह सब शुरू से ही तयशुदा रणनीति का हिस्सा था?
फोन की तस्वीरें भी सवालों के घेरे में
कुछ टेक विशेषज्ञों का मानना है कि फोन की जो तस्वीरें और डिजाइन पहले दिखाए गए थे, वो भी फाइनल प्रोडक्ट से मेल नहीं खा सकते. शायद शुरुआत में सिर्फ एक कॉन्सेप्ट फोटो दिखाई गई हो और अब असल फोन पूरी तरह अलग निकले.
क्या चीन में बना है T1?
जब यह फोन लॉन्च हुआ था, तब कुछ टेक एक्सपर्ट्स ने शक जताया था कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में नहीं, बल्कि चीन जैसी किसी थर्ड पार्टी फैक्ट्री में की गई हो सकती है. क्योंकि एक स्मार्टफोन के सारे पुर्जे एक ही देश में बन पाना लगभग नामुमकिन है. सप्लाई चेन में कई देशों की हिस्सेदारी होती है.
अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर फोन चीन में बना है, तो ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने शुरू में ‘मेड इन यूएसए’ कहकर क्या लोगों को गुमराह किया? खासकर तब जब ट्रंप खुद चीन के खिलाफ व्यापारिक मामलों में कड़ा रुख अपनाते आए हैं.
अभी प्री-ऑर्डर में, असलियत आने में वक्त बाकी
फिलहाल यह फोन सिर्फ प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है. जब तक यह फोन ग्राहकों के हाथ में नहीं आ जाता, तब तक इसकी असली क्वालिटी और स्पेसिफिकेशंस के बारे में कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता.
लेकिन जो भी हो, शुरुआत में किए गए बड़े-बड़े दावों के मुकाबले अब जो बदली गई जानकारियां सामने आई हैं, वे भरोसे को हिला देती हैं. सवाल साफ है कि क्या ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने स्मार्टफोन के नाम पर जनता से झूठ बोला?
T1 स्मार्टफोन को लेकर जो दावे पहले किए गए थे, वो अब बदलते नजर आ रहे हैं. चाहे वो डिस्प्ले का साइज हो या रैम की डिटेल सब कुछ धुंधला होता जा रहा है. ऐसे में लोगों का सवाल उठाना जायज है कि कहीं यह सब एक पॉलिटिकल ब्रांडिंग का हिस्सा तो नहीं?

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