हरियाणा सरकार ने स्कूलों में मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) योजना को और बेहतर बनाने के लिए सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। इनका उद्देश्य बच्चों को पोषक खाना देना, उनकी सेहत का ध्यान रखना, साफ-सफाई बनाए रखना और स्कूलों में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना है। सभी अधिकारियों को कहा गया है कि ये निर्देश सभी स्कूलों में लागू करवाएं और हर महीने इसकी रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें। 1. स्कूल में न्यूट्रिशन गार्डन बनाएं सभी सरकारी स्कूलों में सब्जियों और पौधों के लिए स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन (SNG) बनाया जाए। जहां जमीन न हो, वहां छत पर गमलों या थैलियों में पौधे लगाए जाएं। बच्चों को भी इस काम में शामिल करें ताकि वे सीख सकें और ताजी़ सब्जियां खाने में काम आ सकें। 2. बच्चों की सेहत की जांच और आयरन की गोलियां बच्चों की साल में दो बार डॉक्टरों की टीम से सेहत जांच करवाई जाए। साथ ही, हर हफ्ते एक दिन सभी बच्चों को आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां दी जाएं, ताकि उनकी सेहत अच्छी बनी रहे। 3. डीवॉर्मिंग दवा और लंबाई-वजन की जांच हर साल फरवरी और सितंबर में बच्चों को पेट के कीड़ों की दवा (डीवॉर्मिंग टैबलेट) दी जाए। इसके अलावा, साल में दो बार बच्चों की लंबाई और वजन नापा जाए। स्कूल की दीवार पर लंबाई नापने की लाइन बनाई जाए और बच्चों का BMI भी निकाला जाए। जिन बच्चों का BMI कम हो, उन्हें प्रोटीन और पौष्टिक चीजें दी जाएं। 4. मिड डे मील का सैंपल जांच हर महीने कम से कम एक बार मिड डे मील का खाना सरकार से मान्यता प्राप्त लैब से जांच करवाया जाए। इसके लिए पहले ही पैसे दिए जा चुके हैं। 5. तिथि भोजन (Tithi Bhojan) का आयोजन स्कूलों में बच्चों, शिक्षकों या त्योहारों जैसे खास मौकों पर “तिथि भोजन” मनाया जाए। इस दिन खास खाना बनाकर बच्चों को खिलाया जाए। अभिभावकों को भी इसमें बुलाया जाए और वे खाना बनाने में मदद करें। 6. एसएमसी सदस्यों द्वारा भोजन की जांच हर स्कूल में एक रजिस्टर रखा जाए जिसमें स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) के सदस्य, पेरेंट्स या गार्जियन मिड डे मील को चखें और उसकी गुणवत्ता पर अपनी राय रजिस्टर में लिखें। ये जांच भोजन परोसने से पहले होनी चाहिए। 7. पोषण माह में खाना बनाने की प्रतियोगिता हर साल राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान स्कूलों में खाना बनाने की प्रतियोगिता करवाई जाए। इसमें रसोइयों और हेल्पर्स को शामिल किया जाए ताकि वे भी अच्छे और सेहतमंद व्यंजन बनाना सीखें। मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में साफ-सफाई से जुड़ी गतिविधियां करवाई जाएं। बच्चों को नुक्कड़ नाटक, पोस्टर मेकिंग और चित्रकला प्रतियोगिताओं के जरिए स्वच्छता के लिए जागरूक किया जाए।
सोनीपत सरकारी स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता जांच अनिवार्य की:हर महीने भेजनी होगी रिर्पोट; SMC सदस्य और अभिभावक मिड डे मील टेस्टिंग में होंगे शामिल
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