पंजाब के पूर्व मंत्री मजीठिया की मुश्किलें बढ़ीं:पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय जांच में हुए शामिल, आज दर्ज करवाएंगे ब्यान

by Carbonmedia
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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा नशा तस्करी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले की जांच में अब पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने विजिलेंस में बयान दर्ज कराने पर सहमति दी है। सिद्धार्थ चटोपाध्याय आज दोपहर 2 बजे विजिलेंस अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे। माना जा रहा है कि वह मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया करवा सकते हैं। वह पंजाब पुलिस ऑफिसर इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ में अपना बयान दर्ज करवाएंगे। अमृतसर से मजीठिया को किया गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 2021 में दर्ज एनडीपीएस मामले से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के केस में 25 जून को सुबह 11:30 बजे गिरफ्तार किया। मजीठिया के वकीलों का दावा है कि 24 जून की रात 10:30 बजे रिपोर्ट विजिलेंस को सौंपी गई थी, जबकि अगले दिन सुबह 4:30 बजे मजीठिया को केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, गुरुवार को मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सरकारी वकीलों ने 12 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने 7 दिन का रिमांड दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। हालांकि मजीठिया के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर का कहना है कि मजीठिया सरकार के खिलाफ बोलते है। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सारी कार्रवाई सरकार की स्क्रिप्ट है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार कुछ कहती है, जबकि जिला अदालत में कुछ और दलील दे रही है। वहीं, उनका कहना है कि जिन कंपनियों का विजिलेंस दावे कर ही है। वह सारी कंपनियां भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। 30 मोबाइल व काफी सामान बरामद जब विजिलेंस ने मजीठिया को अरेस्ट किया तो उस समय मजीठिया से जुड़ी 26 जगह पर दबिश दी गई। इस दोरान मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं, विजिलेंस ने दिया मजीठिया ने अवैध तरीके से 540 करोड़ की संपत्ति बनाई है। मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जमा है। संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपए का लेन-देन किया।कंपनी के वित्तीय विवरणों में बिना किसी सूचना और स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा किया गया।

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