रात में भरपूर नींद लेने के बाद भी दिन में सुस्ती छाई रहती है. वर्कप्लेस पर नींद आने लगती है. शरीर थका हुआ सा महसूस करता है. अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये गंभीर समस्या का संकेत होती है. आखिर ये दिक्कत क्यों होती है और कैसे इसे बचा जा सकता है, आइए जानते हैं…
हाइपरसोम्निया के चलते होती है दिक्कत
रात में जागने के बाद दिन में नींद आना सामान्य बात है. लेकिन अगर रात में प्राॅपर नींद ले रहे हैं, उसके बाद भी दिन में बार-बार आंखें बंद हो रहीं हैं तो इसे नजरअंदाज न करें. ये हाइपरसोम्निया के चलते हो सकता है. इस कंडीशन में व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा नींद आती है. हाइपरसोम्निया का कारण गंदी आदतें व बीमारियां हो सकती हैं.
ये हो सकते हैं कारण
शराब: अधिक शराब पीने से नींद पर असर पड़ता है. इसके चलते दिन में बार-बार नींद आने की समस्या हो सकती है.
मसल्स कमजोर: अगर बाॅडी में मसल्स कमजोर हैं तो बार-बार नींद आने की समस्या देखने को मिल सकती है.
रात में प्राॅपर नींद न लेना: रात में पर्याप्त नींद नहीं लेने से भी ये समस्या हो सकती है. इससे हाइपरसोम्निया का रिस्क खतरा बढ़ सकता है.
दवा के साइड इफेक्ट: कई बार दवा के असर के चलते भी हाइपरसोम्निया की दिक्कत हो सकती है. इस दाैरान नींद अधिक आती है.
डायबिटीज: बाॅडी में ब्लड शुगर का बढ़ा लेवल हाइपरसोम्निया का कारण बन सकता है. डायबिटीज में शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने में असमर्थ होता है, जिससे थकान और नींद की समस्या होती है. बार-बार प्यास, पेशाब और वजन कम होना इसके अन्य लक्षण हैं.
थायराइड: हाइपोथायरायडिज्म में थायराइड ग्लैंड प्रभावित होती है. इसका असर मेटाबाॅलिज्म पर पड़ता है. इससे सुस्ती, थकान और अत्यधिक नींद की समस्या बढ़ जाती है. वजन बढ़ना, ठंड लगना और बाल झड़ना इसके लक्षण हो सकते हैं.
एनीमिया: एनीमिया में हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होती है, जिससे थकान और नींद की समस्या बढ़ जाती है. यह आयरन, विटामिन बी 12 या फोलिक एसिड की कमी से हो सकता है.
स्लीप एपनिया: स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती है, जिससे गहरी और सुकून भरी नींद नहीं मिलती. इस कारण दिन में अत्यधिक नींद, थकान, सिरदर्द और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
क्या हैं इसके लक्षण?
एंग्जायटी और स्ट्रेस
चिड़चिड़ापन
दिन में बार-बार नींद आना
शरीर थका हुआ महसूस करना
गुस्से में रहना
सुबह उठने में दिक्कत हाेना
सिरदर्द
भूख न लगना
बातों को भूल जाना
बेचैनी होना
फोकस करने में दिक्कत होना
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.