तोमर ब्रदर्स को रायपुर पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया, पता बताने वाले को मिलेगा ईनाम, क्या है दोनों पर आरोप?

by Carbonmedia
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Raipur News: छत्तीसगढ़ के अपराध की दुनिया में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर ब्रदर्स  वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर पिछले 25 दिनों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. अब रायपुर पुलिस ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया है और इनकी गिरफ्तारी में मदद करने या सूचना देने वालों के लिए इनाम की घोषणा भी की है. बावजूद इसके पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं.
पुलिस का कहना है कि दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों का फरारा समाज के लिए खतरनाक है. ये दोनों भविष्य में भी कोई गंभीर अपराध कर सकते हैं. इसलिए उनका जल्द से जल्द गिरफ्तार होना बेहद जरूरी है. दोनों हिस्ट्रीशीटर पिछले 21 दिनों से फरार हैं. पुलिस लगातार दोनों की तलाश कर रही है.
UP, MP और राजस्थान में भी की जा रही तलाश
रायपुर एसएसपी डॉ लाल उमेद सिंह ने बताया कि तोमर ब्रदर्स की तलाश में पुलिस टीमें छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी सक्रिय हैं. लेकिन अभी तो दोनों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग सका है. दोनों भाइयों ने अपने फोन भी छापे वाले दिन से ही बंद कर रखे हैं, जिसके चलते उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. पुलिस तोमर ब्रदर्स पर बीएनएस और छत्तीसगढ़ ऋण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाई कर रही है.
पुराने मामलों में जमानत निरस्त करने पुलिस ने लिखा पत्र
जानकारी के मुताबिक तोमर ब्रदर्स के घर छापेमारी में मिले कैश, सोना चांदी, ज़मीनों के दस्तावेजों और हथियारों की जप्ती के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. पुलिस के मुताबिक कार्रवाई के लिए आयकर विभाग और नगर निगम से भी जानकारी साझा की है.
इसके साथ ही पुलिस ने कोर्ट को भी पत्र लिखकर तोमर ब्रदर्स से जुड़े पुराने मामलों में जमानत निरस्त करने की मांग की है. साथ ही कोर्ट से दोनों भाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अनुरोध भी पुलिस ने किया है.
नगर निगम और महापौर की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में रायपुर नगर निगम और महापौर की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है. जिस बंगले को अवैध बताकर गिराने की बात हो रही थी, उसे तोमर बंधु हाई कोर्ट से स्टे ऑर्डर लेकर बचाने में सफल हो गए. आरोप है कि नगर निगम ने जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरती और दबाव में आकर कार्रवाई नहीं की.
अवैध कमर्शियल गतिविधियों पर भी सवाल बताया जा रहा है कि साईं विला कॉलोनी में तोमर बंधु ‘शुभकामनाएं’ नाम से सूदखोरी का कारोबार भी कर रहे थे. सवाल उठता है कि आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल गतिविधियां कैसे संचालित हो रही थीं और नगर निगम ने अब तक उस पर ध्यान क्यों नहीं दिया.

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