गुरमीत लूथरा | अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की नियुक्ति-सेवामुक्ति के सेवा नियम बनाने के लिए गठित 34 सदस्यीय कमेटी की संख्या में इजाफा भी कर सकती है। यह संकेत एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण ने दिया है। मन्नण ने कहा कि कमेटी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी की ओर से बनाई कमेटी में यूं तो सभी निहंग जत्थेबंदियों, सिख संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रतिनिधित्व दिया है। कमेटी की रुपरेखा व संख्या संतोषजनक है, इसमें इजाफे की कोई जरुरत नहीं है लेकिन इसके बावजूद अगर कोई सिख संगठन अपने प्रतिनिधित्व के लिए अपील करता है तो प्रधान धामी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर इसपर मंथन कर भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा कमेटी में दमदमी टकसाल, संत समाज, कार सेवा वाले महापुरुषों, वाइस चांसलर, सिख बुद्धिजीवी, देश-विदेश से सिख संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सिख पंथक सिद्धातों पर पहरा देने वाले व समस्त पंथक हितैषियों को इसमें शामिल करने का पूरा प्रयास किया गया है। मन्नण ने कहा कि विधि विधान बनने से एसजीपीसी सेवा नियमों के तहत ही श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की नियुक्ति व सेवामुक्ति कर सकेगी। इससे सिख पंथ में चल रही कंट्रोवर्सी यानी विवादों पर भी अंकुश लगेगा। एसजीपीसी सभी फैसले इस सेवा नियमों के तहत ही लिया करेगी। गौर हो कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा, श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव हरमनजीत सिंह व अन्य संगठनों व कमेटियों के प्रतिनिधियों ने एसजीपीसी द्वारा बनाई गई 34 सदस्यीय कमेटी में उक्त कमेटियों को प्रतिनिधित्व न देने पर अपनी नाराजगी जताई है।
सेवा नियम को गठित कमेटी की संख्या में इजाफा कर सकती है एसजीपीसी : मन्नण
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