हिसार यूनिवर्सिटी छात्र लाठीचार्ज में मेडिकल रिपोर्ट पर उठे सवाल:दिल्ली एआइआइएमएस के डॉक्टरों से कराने की मांग, याचिका पर 2 को सुनवाई

by Carbonmedia
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हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एचएयू) के स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज मामले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। छात्र पक्ष की ओर से घायल छात्रों की चोटों की मेडिकल रिपोर्ट दोबारा से सही से करवाने की मांग की गई है। इसके लिए वकीलों ने दिल्ली एआइआइएमएस के डॉक्टरों से मेडिकल रिपोर्ट करवाने को कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर एक जुलाई को सुनवाई होनी है। छात्र पक्ष के वकील विक्रम मित्तल का कहना है कि घायल छात्रों की तीन बार एमएलआर काटी गई है और तीन बार मेडिकल रिपोर्ट बनी है। तीनों ही अलग-अलग है। शुरू में एक से पौने दो इंची चोट दिखाई है तो तीसरी रिपोर्ट में छह इंची चोटें बताई है। डॉक्टर ने ही छह इंची चोटें मानी है, जबकि चोट का घाव सात इंची है। इसलिए दिल्ली एआइआइएमएस के डॉक्टरों ने मेडिकल करवाने की मांग है। वकील विक्रम मित्तल ने बताया कि जो चोटें लगी थी, वो सामान्य नहीं है, ज्यादा गंभीर थी। यह हत्या के प्रयास में आता है। वहीं छात्र पक्ष का कहना है कि डॉक्टरों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई थी। बाद में सभी संगठनों व नेताओं का दबाव हुआ तो दोबारा से मेडिकल रिपोर्ट तैयार की गई। 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी बंद पर की चर्चा एचएयू के छात्रों का धरना लगातार जारी है। आरोपी असिसटेंट प्रोफेसर राधेश्याम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से स्टूडेंटस का हौंसला बढ़ गया है और आंदोलन को ओर मजबूत करने के लिए सभी छात्रों को जोड़ने में जुट गए हैं। इस मामले में पुलिस दोनों पक्षों की तरफ से कार्रवाई में जुटी है। छात्र कमेटी ने आज शनिवार को फिर मीटिंग बुलाई है। छात्रों ने देर शाम मीटिंग पर 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी बंद के प्रदर्शन पर चर्चा की। रात को छात्राओं को हॉस्टल में एंट्री दिलाई दरअसल, शुक्रवार शाम को जजपा नेता दिग्विजय चौटाला धरनारत छात्रों के पास पहुंचे। दिग्विजय चौटाला बोले कि यह सरकार टेबल पर हुई बात के बाद भी मुकर गई और धरना खत्म करने को छात्रों के साथ खेल खेला है। इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। इस दौरान छात्रों के साथ मिलकर पैदल मार्च निकाला गया। इसके बाद रात को सभी छात्राओं को उनके हास्टल में एंट्री दिलाई गई। यह भी कहा कि अगर कोई दिक्कत हुई तो वह उनके साथ है। इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से हॉस्टल के पास कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। यह था मामला 10 जून को छात्राओं ने मांग की थी कि छात्रवृत्ति में कटौती का आदेश वापस लिया जाए। इसको लेकर वह वीसी बीआर काम्बोज से मिलने ऑफिस गए थे। उन्हें रोका गया तो वीसी ऑफिस के बाहर स्टाफ से स्टूडेंट्स की धक्कामुक्की हो गई। इससे स्टूडेंट्स भड़क गए। वह रात को वीसी आवास के आगे इकट्‌ठे हो गए। उस वक्त वह रोड पर धरने पर बैठ गए। जैसे ही वीसी की गाड़ी आई, वे उनसे मिलने चले गए। तब मामला बिगड़ गई और असिस्टेंट प्रो. राधेश्याम व सिक्योरिटी गार्ड ने मिलकर उन पर लाठीचार्ज कर दिया। कुछ छात्रों को चोटें लगी और दो छात्रों के सिर फूट गए। आरोप था कि रजिस्ट्रार व सीएसओ भी वहां मौजूद थे, जिनके सामने वीसी के आदेश पर यह हुआ। इस मामले में रजिस्ट्रार, प्रोफेसर, सीएसओ व सिक्योरिटी गार्ड के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। इसके बाद से छात्रों का धरना जारी है। छात्रों की वीसी हटाने से लेकर अन्य 8 मागें हैं। शिक्षा मंत्री ने भी छात्रों से फोन पर बात की और आश्वान दिया, पर लिखित आदेश नहीं मिला है। यहीं मांग छात्रों की है।

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