हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के पानीपत स्थित अधिकारी की प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए इकट्ठे किए गए नमूने और फिर उसे जांच के लिए प्रयोगशाला में ले जाने में बड़ी लापरवाही सामने आई है। अधिकारी ने नमूने इकट्ठे तो किए, लेकिन वे इन नमूनों को तय मानकों पर लैब तक नहीं ले गए। जिससे कि नमूनों के फेल होने की संभावनाएं न के बराबर हो गई। जांच में अधिकांश नमूने पास मिलेंगे। अब तक पानीपत में नाममात्र ही कोई नमूना फेल हुआ है, लेकिन औद्योगिक नगरी प्रदूषण की बड़ी मार झेल रहा है। पानीपत के प्रदूषण अधिकारी भूपेंद्र चहल की इस बड़ी लापरवाही को खुद उच्च अधिकारियों ने ही पकड़ लिया। जिसकी बाकायदा वीडियो भी बनाई गई। अधिकारी को फटकार तो लगाई ही गई, साथ ही उनकी जांच में खोल दी गई है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, क्या हुआ मामला गुरुवार को पहुंचे थे नमूने लेकर पानीपत प्रदूषण विभाग के अधिकारी भूपेंद्र चहल नमूने लेकर पंचकूला स्थित प्रयोगशाला में गए। कथित तौर पर यह संरक्षण मानदंडों का उल्लंघन है। हालांकि, एचएसपीसीबी मुख्यालय के अधिकारियों ने लापरवाही पकड़ी और अधिकारियों को इस पर फटकार लगाई। बोर्ड के अधिकारियों ने लापरवाही की जांच भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार एचएसपीसीबी के अधिकारियों ने पानीपत स्थित कुछ उद्योगों से पानी प्रदूषित हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए नमूने एकत्र किए हैं। क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) भूपेंद्र सिंह चहल अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को पंचकूला स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए ये नमूने लेकर गए। उच्च अधिकारियों ने सैंपल बॉक्स की जांच की जैसे ही अधिकारी एचएसपीसीबी मुख्यालय सैंपल पहुंचे, वहां मुख्य अभियंता बलराज सिंह अहलावत, वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता जेपी सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने एसडीओ और अन्य अधिकारियों के साथ सैंपल बॉक्स की जांच की। जिसमें सभी नमूने प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए संरक्षित किए गए थे। सूत्रों ने कहा कि सभी नमूने मानदंडों के अनुसार संरक्षित नहीं किए गए थे। नियमों के अनुसार, पानी के सभी नमूनों को उचित तरीके से संरक्षित किया जाना चाहिए और तापमान 4 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं, इसे बर्फ की थैली में संरक्षित किया जाना चाहिए। लेकिन, अधिकारी ने नमूनों को संरक्षित करने के लिए कोई बर्फ की थैली नहीं रखी थी। लापरवाही मिलने पर तैयार की रिपोर्ट लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दी है। यहां तक कि नमूनों की जांच का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एचएसपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सीओडी, तेल, ग्रीस, भारी धातुओं, रसायनों और अन्य माइक्रोबायोलॉजिकल मापदंडों के विश्लेषण के लिए नमूनों के संरक्षण के मानदंड तय किए हैं।
पानीपत के प्रदूषण विभाग अधिकारी का कारनामा:पानी के नमूनों को ले गए पंचकूला प्रयोगशाला; फेल न हो इसलिए नहीं किए संरक्षित; जांच शुरू
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