इटावा कथावाचक विवाद को कुमार विश्वास ने बताया अनावश्यक, संतों की चु्प्पी पर भी उठाए सवाल

by Carbonmedia
()

UP News:  उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक विवाद अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है, इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मुद्दे पर राजनीति गलियारों में भी चर्चा तेज है, अब इस मामले पर जाने-माने कवि और लेखक डॉ. कुमार विश्वास ने भी अपनी बेबाक राय रखी. 
न्यूज चैनल एनडीटीवी के कार्यक्रम में पहुंचे कुमार विश्वास ने इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय रखी. उन्होंने कहा कि आस्था और भक्ति को जाति के दायरे में बांधना गलत है. कथावाचक का काम भगवान और भक्तों के बीच सेतु बनाना है न कि सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देना. उन्होंने इस विवाद को अनावश्यक बताते हुए समाज से जातिवाद से ऊपर उठकर धार्मिक एकता पर ध्यान देने की अपील की.
कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि इस तरह के विवाद धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को कमजोर करते हैं. उन्होंने इटावा कांड को लेकर कुछ बड़े कथावाचकों और संतों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी को खाफी समर्थन मिल रहा है.
ये है इटावा कथावाचक मामला
बता दें कि इटावा जनपद के दांदरपुर गांव में 21 जून को एक भागवत कथा के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव के साथ मारपीट चोटी काटने और अपमानजनक व्यवहार का मामला सामने आया. आरोप है कि कथावाचकों ने अपनी यादव जाति छिपाकर ब्राह्मण बनकर कथा की, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैला. दूसरी ओर यजमान रेनू तिवारी ने मुकुट मणि पर छेड़खानी का आरोप लगाया.
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और कथावाचकों पर भी फर्जी आधार कार्ड और धोखाधड़ी के लिए एफआईआर दर्ज की. समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने इसे जातिवादी हमला बताया, जबकि ब्राह्मण महासभा ने कथावाचकों के व्यवहार की जांच की मांग की. सीएम योगी ने मामले की जांच झांसी पुलिस को सौंपी है. इस विवाद ने जातीय तनाव और सियासत को काफी तूल दे दिया है.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment