अब इंसानों से कम ‘गलतियां’ करता है AI, Anthropic के CEO का बड़ा दावा

by Carbonmedia
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Anthropic CEO on AI: हाल ही में पेरिस में आयोजित VivaTech 2025 और Anthropic की पहली ‘Code With Claude’ डेवलपर इवेंट में Anthropic के CEO डैरियो अमोडेई ने एक चौंकाने वाला और सोचने पर मजबूर करने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा कि आज के एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल कुछ सीमित और स्पष्ट तथ्यों वाले मामलों में इंसानों की तुलना में कम ‘हैलुसिनेशन’ यानी गलत जानकारी देते हैं.


इंसान से बेहतर काम कर रहा AI


डैरियो अमोडेई का कहना है कि हालिया इंटरनल टेस्ट्स में Claude 3.5 जैसे मॉडल ने फैक्ट-बेस्ड क्विज़ में इंसानों से बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, “अगर आप हैलुसिनेशन को इस रूप में परिभाषित करें कि कोई व्यक्ति या मॉडल पूरा आत्मविश्वास के साथ गलत बात कहे, तो इंसान भी ऐसा अकसर करते हैं.”


’Code With Claude’ इवेंट के दौरान, जहां Claude Opus 4 और Claude Sonnet 4 जैसे नए मॉडल भी पेश किए गए, अमोडेई ने दोबारा यही बात दोहराई. TechCrunch के अनुसार, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे मापते हैं लेकिन मुझे लगता है कि AI मॉडल अब शायद इंसानों से कम गलती करते हैं हालांकि उनकी गलतियां कई बार बेहद अनोखी होती हैं.”


AGI कि दिशा में बड़ा कदम


Anthropic के ये नए मॉडल AI की ओर से AGI (Artificial General Intelligence) की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं. इनमें मेमोरी, कोड जनरेशन, टूल इस्तेमाल और लेखन गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. Claude Sonnet 4 ने SWE-Bench टेस्ट में 72.7% स्कोर करके AI सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नया बेंचमार्क सेट किया है.


हालांकि, अमोडेई ने यह भी स्पष्ट किया कि AI मॉडल्स से गलतियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं. खासकर जब बात ओपन-एंडेड या कम संरचित जानकारी की हो जैसे कि कानूनी या मेडिकल सलाह, वहां अब भी AI से चूक हो सकती है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी मॉडल की विश्वसनीयता काफी हद तक उस पर निर्भर करती है कि उसे किस तरह का सवाल पूछा गया है और उसका उपयोग किस संदर्भ में हो रहा है.


यह बयान उस वक्त आया जब Claude चैटबॉट ने एक कानूनी मामले में झूठा हवाला दे दिया था जिससे Anthropic को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी. इससे ये साफ है कि तथ्यों की सटीकता को लेकर अभी भी AI तकनीक को लंबा रास्ता तय करना है.


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