अंबाला के शिक्षकों ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की:टीचर्स ने मांगा संदेश, महाराज बोले- विद्यार्थियों को विद्या का सही अर्थ पता लगे

by Carbonmedia
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हरियाणा के अंबाला से कुछ शिक्षक यूपी के वृंदावन में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से मिलें पहुंचे। इस दौरान शिक्षकों ने महाराज से शिक्षक समाज के लिए संदेश भी मांगा। इसपर प्रेमानंद महाराज ने उनको संदेश भी दिया। जानकारी के अनुसार, अंबाला के नारायणगढ़ स्थित ब्लू बेल्स स्कूल की शिक्षिकाओं ने वृन्दावन में प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। आशीर्वाद लेने के बाद शिक्षक समाज के लिए गुरु से संदेश भी मांगा। बच्चे गंदी आदतों का हो रहे हैं शिकार इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इस समय वह भी सबसे ज्यादा इस बात से परेशान है कि हमारे जो बच्चे हैं वो गंदी आदतों के शिकार होते जा रहे हैं। बच्चा हो या बच्ची हो, जो गर्ल फ्रैंड व बॉय फ्रेंड चल रहा है। उनसे हिंसक प्रवृत्तियां बच्चों में बढ़ रही है। हमें लगता है कि आधुनिक शिक्षा बुद्धि को भ्रष्ट कर रही है या अपवित्र कर रही है। विद्या विनेम दाते, जब विद्या बढ़ती है तो विनय, सौम्यता, शालीनता, गंभीरता, जितेन्द्रियता से आचरण पवित्र होते हैं। आज हमारे विद्यालय में आचरण हीनता फैल रही है, यह संभाली जा सके तो हमारी नई पीढ़ी व भारत के भविष्य को संभाला जा सकता है। अगर विचार प्रवृत्ति बढ़ती चली गई तो नुकसान है। अब बच्चे अपने मां-बाप को जवाब दे रहे हैं, मां-बाप की हत्या कर रहे हैं व घर से निकाल रहे हैं। विद्या का असल मतलब विद्यार्थियों को समझाएं उन्होंने कहा कि विद्या का सही मतलब ज्ञान, ज्ञान का मतलब सौम्य, सदाचार व पवित्रता बच्चों को सिखाई जाएं। अगर यह व्यवहार में आ जाए तो अच्छा होगा। हालांकि यह वीडियो कितना दिन पुराना है इसलिए पुष्टि नहीं हो पाई है। 18 जून को हुई थी मुलाकात इन शिक्षिकाओं ने 18 जून को प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। सोशल मीडिया पर अब यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। शिक्षिकाओं का वीडियो व गुरु का संदेश शिक्षिकाओं की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि पढ़ाई के साथ अध्यात्मिक पढ़ाई नहीं होगी तो हमें लगता है आधुनिक पढ़ाई से कंट्रोल नहीं हो सकता। इंदि्रयों का जो कंट्रोल, दिमाग का जो कंट्रोल व डि्प्रेशन की तरफ ले जाने वाले आचरण है, यह जब बढ़ेंगे तो हिंसा प्रवृत्ति बढ़ेगी, दिमाग हमारा नेगेटिव फेंकेगा। जब नेगेटिव फेंकेगा तो हम चिंतित हो जाएंगे, परेशान हो जाएंगे। हमारा दिमाग पॉजिटिव है तो हम बड़ी से बड़ी विपत्तियों को भी पार कर सकते हैं। अगर हमारा नेगेटिव है तो हर सुविधा में भी जलेंगे। हमें लगता है पॉजिटिव दिमाग के लिए सबको गीता, श्रीमद्भागवत गीता, नामजप व ब्राह्मचार्य, इन पर प्रकाश डलना जरूरी है। उन पर अध्यात्मिक प्रकाश नहीं डला तो हमारे बच्चे बिगड़ते चले जाएंगे।

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