कैथल जिले में कलायत नगरपालिका में अधिकारियों पर निजी संपत्तियों को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगा है। स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री विंडो पर शिकायत दर्ज कराई है। नगर पालिका सचिव का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सजूमा रोड पर स्थित उनकी करीब एक हजार गज पुश्तैनी जमीन की प्रॉपर्टी आईडी को अधिकारियों ने अवैध तरीके से रद्द कर दिया। यह प्रॉपर्टी आईडी 2022 में सभी नियमों का पालन करते हुए बनाई गई थी। लाल डोरा के अंदर वाले परिवारों से जुड़ा मामला विवादित जमीन खेवट नंबर 224, 225, 226 में दर्ज है। इसमें रवींद्र के नाम 171 गज, रघुविंद्र के नाम 327 गज, विधवा प्रकाशो के नाम 31 गज और धीरेंद्र के नाम 403 वर्ग गज जमीन शामिल है। यह मामला लाल डोरा के अंदर रहने वाले परिवारों को मालिकाना हक देने की योजना से जुड़ा है। जमीन को पोर्टल से गायब करने का आरोप उन्होंने आगे कहा कि नगरपालिका अधिकारियों ने पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। प्रॉपर्टी आईडी बनाई और विकास शुल्क जमा करवाया। अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किए। लेकिन बाद में कथित तौर पर बेशकीमती जमीन को पोर्टल से गायब कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने शहरी स्थानीय निकाय निदेशक और जिला नगर आयुक्त से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो और अन्य राज्य एजेंसियों से कराने की मांग की गई है। भूमि तसदीक करवाई गई थी। इसके लिए हलका पटवारी व तहसीलदार द्वारा कार्यवाही को पूर्ण किया गया। भूमि का नक्शा भी सलंग्न है। इतना ही नहीं पालिका के तमाम शुल्क जमा करवाकर नो डयूज प्रमाण पत्र लिया हुआ है। इसके बावजूद भी जमीन की आईडी को डिलीट कर दिया गया। सीएम विंडो पर की शिकायत इस मामले में सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से न्याय मांगने की फरियाद लगाई गई है। कलायत नगर पालिका क्षेत्र में प्रोपर्टी आईडी को बनाने व अचानक डिलीट करने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पालिका के पूर्व चेयरपर्सन प्रतिनिधि सलिंद्र प्रताप राणा व अन्य ने आरोप लगाया था। नगर पालिका सचिव का बयान
नगर पालिका सचिव पवन कुमार ने बताया कि सीएम विंडो पोर्टल पर दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर पत्राचार करते हुए दस्तावेजों की छानबीन जारी है। नियम अनुसार शिकायत का निवारण होगा। उपरांत कार्यवाही रिपोर्ट पटल पर अपलोड की जाएगी। कई लोग उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की आईडी को डिलीट करने की शिकायत करते आ रहे हैं। इनका कहना है कि उनकी बजाय दूसरों को जमीन का मालिक बनाया जा रहा है। कुछ मामले तो ऐसे हैं जिनमें खेवट व मौका स्थिति मेल नहीं खा रही। इसमें करोड़ों रुपए की संपत्ति शामिल है।
कैथल में कलायत नगरपालिका में जमीन घोटाले का आरोप:प्रॉपर्टी आईडी की डिलीट, स्थानीय निवासी ने सीएम विंडो पर की शिकायत
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