Bihar Elections 2025: ‘ये NRC से भी खतरनाक’, वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर बोली RJD, JDU ने भी साफ किया अपना स्टैंड

by Carbonmedia
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Voter List Verification: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. वोटर लिस्ट परीक्षण अभियान पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. इसी बीच NDA की अहम सहयोगी दल जदयू के अंदर से भी इस अभियान के विरोध में आवाज उठी है. जेडीयू एमएलसी व पार्टी के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे खालिद अनवर ने कहा कि वोटरों का वेरिफिकेशन होना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग ने जो प्रोफार्मा जारी किया है वह गलत है.
2010 की तर्ज पर होना चाहिए वेरिफिकेशन
खालिद अनवर ने कहा कि एनपीआर एनआरसी जैसा है. 2020 में एनपीआर का हम लोगों ने विरोध किया था कि 2010 की तर्ज पर होना चाहिए, क्योंकि उसमें माता पिता का प्लेस और डेट ऑफ बर्थ पूछा जा रहा था. विधानसभा से 2020 में संकल्प पास हुआ था. हमारे नेता नीतीश ने एनपीआर को रिजेक्ट किया था. NRC के खिलाफ भी हम लोग हैं. उसके खिलाफ भी प्रस्ताव 2020 में पारित हुआ था विधानसभा से.
आज उन्हीं सवालों को चोर दरवाजे से चुनाव आयोग अपने प्रोफार्मा में रख रही है. बिहार के गरीबों को डॉक्यूमेंट के नाम पर परेशान नहीं किया जाए की माता पिता का डॉक्यूमेंट लाइए. नीतीश का विजन इन मामलों में स्पष्ट है. ऐसी चीजे स्वीकार नहीं करते. प्रोफार्मा के नाम पर गरीबों को परेशान किया जा रहा है. 
RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि BJP जिस तरह की राजनीति करती है उसी राजनीति को चुनाव आयोग के जरिए आगे कर रही है. वोटर लिस्ट परीक्षण अभियान गुप्त तरीके से NRC लागू करने जैसा है. उसी तरह की प्रक्रिया है जिस तरह NRC लागू किया जाता है. जन्म प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र मांग रहे हैं. यह NRC से भी खतरनाक स्थिति है. वोटर लिस्ट से मतदाता का नाम ही गायब कर दीजिएगा. पेंशन छात्रवृत्ति राशन की सुविधा बंद कर दी जाएगी. 
जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि हमारी पार्टी में कौन विरोध कर रहा है यह हमने अभी देखा नहीं है, लेकिन हमारी पार्टी का स्टैंड साफ है कि चुनाव आयोग का जो वोटर लिस्ट परीक्षण अभियान है. हम उसके पक्ष में हैं. निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट की निष्पक्षता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए यह किया गया है.
अल्पसंख्यकों का वोट छीनने की साजिश- विपक्ष
बता दें कि चुनावी वर्ष में वोटर लिस्ट विशेष पुनरीक्षण अभियान पर सियासत गरमाई हुई है. विपक्ष का कहना है यह दलित पिछड़े अतिपिछड़े अल्पसंख्यकों का वोट छीनने की साजिश है. बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है. महाराष्ट्र की तरह धांधली कर बीजेपी बिहार चुनाव जीतना चाहती है.
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा है कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है. वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेजों के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुए थे. साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहां पैदा हुए थे.
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