बांग्लादेश ने अडाणी पावर के साथ 2017 के इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एग्रीमेंट के तहत जून 2025 में 384 मिलियन डॉलर यानी 3,282 करोड़ रुपए का पेमेंट कर दिया है। इस पेमेंट से बांग्लादेश के मार्च 2025 तक के स्वीकृत बकाया दावों में कमी आई है। बांग्लादेश ने इस महीने के आखिरी तक 437 मिलियन डॉलर यानी 3,735 करोड़ रुपए चुकाने का वादा किया था। अब तक बांग्लादेश लगभग 1.5 बिलियन डॉलर (12,822 करोड़ रुपए) का पेमेंट कर चुका है। वहीं टोटल 2 बिलियन डॉलर (17,097 करोड़ रुपए) के बिल में से अब करीब 500 मिलियन डॉलर (4,274 करोड़ रुपए) का बकाया बचा है। मंथली पेमेंट के बाद सप्लाई फिर से शुरू रूस-यूक्रेन युद्ध और देश में राजनीतिक अस्थिरता ने बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है। इस अस्थिरता के कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी, जिससे वित्तीय संकट और गहरा गया। बांग्लादेश को बिजली, कोयला और तेल जैसे आवश्यक आयातों के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने में दिक्कत हुई। इसके चलते नवंबर 2024 में अडाणी पावर ने बिजली सप्लाई आधी कर दी थी। हालांकि, मार्च 2025 से मंथली पेमेंट शुरू होने के बाद पूरी सप्लाई फिर से शुरू हो गई। ब्याज माफी और बकाया पर चर्चा अडाणी पावर ने जनवरी से जून 2025 तक के लिए करीब 20 मिलियन डॉलर (170 करोड़ रुपए) के देरी से पेमेंट पर लगने वाले ब्याज को माफ करने का फैसला किया है, बशर्ते बांग्लादेश अपने पेमेंट के वादे निभाए। सूत्रों के अनुसार, क्लेम्स और स्वीकृत बकाया राशि में अंतर कोयले की लागत और प्लांट की कैपेसिटी के कैलकुलेशन को लेकर चल रही बातचीत के कारण है। अडाणी पावर के प्रवक्ता ने पेमेंट की पुष्टि की, लेकिन बकाया राशि की डिटेल्स शेयर नहीं की है। विदेशी मुद्रा की कमी और IMF से मदद बांग्लादेश को विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण बिजली और अन्य आयातों में परेशानी हो रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती बढ़ी और राजनीतिक अशांति गहराई। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने मौजूदा 4.7 बिलियन डॉलर (40,178 करोड़ रुपए) के IMF बेलआउट पैकेज के अलावा अतिरिक्त वित्तीय सहायता मांगी है। सरकार ने अडाणी पावर समझौते सहित कई समझौतों को अपारदर्शी करार देते हुए, इन्हें जांचने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई है। अन्य भारतीय कंपनियों का योगदान अडाणी पावर के अलावा, NTPC और PTC इंडिया जैसी भारतीय कंपनियां भी बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करती हैं। इन समझौतों का चलते रहना, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर बिजली सप्लाई के लिए जरूरी है। बांग्लादेश की वित्तीय और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इन बकाया राशियों का समाधान और समझौतों की शर्तें अंतरिम सरकार और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी। ये खबर भी पढ़ें…. बांग्लादेश ने अडाणी से बिजली लेना आधा किया: बकाया भुगतान में देरी से कंपनी ने सप्लाई कम की थी, अब बांग्लादेश बोला आधी ही दो बांग्लादेश ने गौतम अडाणी की बिजली कंपनी अडाणी पावर से बिजली खरीदना आधी कर दी है। बांग्लादेश की सरकार ने सर्दियों के चलते मांग में कमी और बकाया पेमेंट के भुगतान में देरी के कारण यह फैसला लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस बात की जानकारी दी है। इससे पहले 31 अक्टूबर को कंपनी ने ड्यू पेमेंट में देरी के चलते देश को बिजली सप्लाई आधी कर दी थी। पूरी खबर पढ़ें… बांग्लादेश ने पेमेंट नहीं की तो बिजली काट देंगे अडाणी: 4 दिन का समय दिया, सप्लाई भी आधी की; ₹7,118 करोड़ हैं बकाया अडाणी पावर ने बिजली बिल का बकाया पेमेंट करने के लिए बांग्लादेश को चार दिन की मोहलत दी है। कंपनी ने पहले ही बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने 846 मिलियन डॉलर (करीब 7,118 करोड़ रुपए) बकाए का भुगतान नहीं होने पर यह कदम उठाया है। पूरी खबर पढ़ें…
बांग्लादेश ने अडाणी पावर को ₹3,282 करोड़ का पेमेंट किया:अब करीब ₹4,274 करोड़ का बकाया, कंपनी ने बिजली सप्लाई फिर शुरू की
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